
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के ख़िलाफ संसद में समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के बाद अब केजरीवाल ने राहुल गांधी तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने का समय मांगा है.
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष श्री खड़गे जी और श्री राहुल गांधी जी से मिलने का समय मांगा हैं.'
दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था. इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण' बनाने का अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है. हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा.ऐसे में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है.
मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे. उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मंत्री आतिशी सिंह भी थीं. AAP नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. इस दौरान ममता ने खुलकर दिल्ली सरकार को समर्थन दिया है और कहा, वो राज्यसभा में इस अध्यादेश का विरोध करेंगी. ममता ने कहा था, हमें डर है कि केंद्र सरकार संविधान बदल सकती है, वे देश का नाम बदल सकते हैं.
इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'दिल्ली की जनता के साथ बहुत अन्याय हो रहा है. 2015 से 2023 तक हम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. 8 साल बाद 5-0 से दिल्ली की जनता के पक्ष में फैसला आया. आदेश हमारे पक्ष में था. 8 दिनों के भीतर वे हमारी शक्ति को छीनने के लिए अध्यादेश लाए. यह बिल के रूप में आएगा. हम दिल्ली के लोगों का समर्थन करने के लिए अपने देश की प्रत्येक पार्टी के पास जा रहे हैं.'