
दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग को फिलहाल कोर्ट ने ठुकरा दिया है. जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ के सामने दिल्ली सरकार ने जल्द सुनवाई की मांग रखी थी.
दिल्ली सरकार ने पीठ के सामने कहा, संविधान पीठ ने अपना फैसला चुनी हुई सरकार के पक्ष में दे दिया है. लेकिन अधिकारी हमारी बात नहीं मान रहे. उपराज्यपाल भी उनको शह देते हुए अपनी चला रहे हैं.
सरकार किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पा रही है. ऐसा लगता है दिल्ली में दो सरकारें चल रही हैं. सुप्रीम कोर्ट अब 26 जुलाई को मामले की सुनवाई कर सकता है. क्योंकि इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच के एक सदस्य जज अशोक भूषण अभी छुट्टी पर हैं. जस्टिस अशोक भूषण के आने के बाद ही इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी.
इस बीच उपराज्यपाल ने भी हलफनामा देने को हफ्ते भर की मोहलत मांगी है जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने याचिका दाखिल कर अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग समेत अन्य मसलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
दिल्ली सरकार का कहना है कि भूमि, जन अधिसूचना और कानून व्यवस्था के मामलों को छोड़कर अब सब अधिकार हमारे पास होने चाहिए. लेकिन ये भी सच है कि सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के फैसले के बावजूद केंद्र सरकार का 23 जुलाई 2016 का नोटिफिकेशन अभी भी अस्तित्व में है.