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आशुतोष के विरोध में सामने आए केजरीवाल के एक और मंत्री

गोपाल राय ने कहा कि पार्टी भी यही सोचती है कि जो सामाजिक मान्यताएं हैं, यदि पार्टी का कोई सदस्य उनका उल्लंघन करेगा तो उसके खि‍लाफ कार्रवाई होगी.

गोपाल राय ने कहा- हमें मर्यादा में रहना होगा गोपाल राय ने कहा- हमें मर्यादा में रहना होगा
विवेक शुक्ला/रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST

केजरीवाल सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा के बाद एक और मंत्री आशुतोष के विरोध में उतर गए हैं. दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने अपनी गुजरात यात्रा के दौरान अहमदाबाद में कहा कि आशुतोष ने अपने ब्लॉग में जो कुछ भी लिखा है, आम आदमी पार्टी उससे इत्तेफाक नहीं रखती. लिहाजा ये उनकी निजी राय हो सकती है.

बयान को लेकर पार्टी में अलग-थलग पड़े आशुतोष
शनिवार को ये पूछने पर कि आखिर आशुतोष पार्टी के प्रवक्ता हैं, दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पार्टी की राय बिल्कुल साफ है. हमें एक साफ सुथरे समाज का निर्माण करना है. लिहाजा अपने बयान को लेकर आम आदमी पार्टी में प्रवक्ता आशुतोष पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके नजर आ रहे हैं.

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'हमें मर्यादा में रहना होगा'
गोपाल राय ने कहा कि पार्टी भी यही सोचती है कि जो सामाजिक मान्यताएं हैं, यदि पार्टी का कोई सदस्य उनका उल्लंघन करेगा तो उसके खि‍लाफ कार्रवाई होगी. हमें मर्यादा में रहना होगा. चुनावों के दौरान पार्टी के लिए उम्मीदवार चुने जाने की प्रक्रिया पर सफाई देते हुए राय ने कहा कि शुरू से लेकर आज तक हमारा स्टैंड यही है कि बेहतर लोग राजनीति में आएं. पार्टी से और देश के काम से जुड़ें. सभी को ये पता है कि अगर कोई गलत काम करता पकड़ा गया तो उसे माफ नहीं किया जाएगा.

कपिल मिश्रा ने भी आशुतोष को लिया था आड़े हाथ
राय से पहले केजरीवाल सरकार के जलमंत्री कपिल मिश्रा ने भी आशुतोष के ब्लॉग में संदीप कुमार की गांधी जी से तुलना को आड़े हाथों लिया था. मिश्रा ने कहा था कि तुलना दो बराबर वालों में हो सकती है और गांधी जी की तुलना किसी से संभव नहीं. लीपापोती के लिए गांधी के कवच का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. पार्टी की विधायक अलका लांबा ने भी आशुतोष के बयान की निंदा की थी.

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कहा- बीजेपी कांग्रेस से अलग है AAP
गोपाल राय ने ये भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने मामला सामने आते ही पहले संदीप को सरकार से बर्खास्त किया. उसके बाद एफआईआर होने से पहले संदीप की पार्टी से भी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी, जो इस बात का प्रमाण है कि पार्टी तुरंत एक्शन लेने में यकीन रखती है. वहीं बीजेपी में वसुंधरा राजे समेत तमाम उदाहरण हैं जिनके लिए कई दिनों तक संसद ठप्प रही लेकिन बीजेपी ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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