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ATM में फ्रॉड का नया तरीका, अपना नंबर लिखकर छोड़ गए जालसाज... फिर लग गया हजारों का चूना

दरअसल, आज-कल स्कैमर्स एटीएम में पहले से ही ऐसा लिक्विड लगाकर रखते हैं, ताकि आपका कार्ड एटीएम मशीन में चिपक जाए. ऐसा हर एटीएम में नहीं होता, लेकिन किसी किसी एटीएम में हो रहा है. कार्ड फंसने के बाद ग्राहक हेल्पलाइन का सहारा लेना चाहते हैं, इसके लिए जालसाज पहले से ही हेल्पलाइन नंबर लिखकर चले जाते हैं.

इसी ATM से हुआ फ्रॉड इसी ATM से हुआ फ्रॉड
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

दिल्ली में एटीएम से धोखाधड़ी का एक नया मामला सामने आया है. दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहने वाली एक पीड़िता को जालसाजों ने चूना लगा दिया. अपूर्वा नामक पीड़िता मयूर विहार में साउथ इंडियन बैंक (मयूर विहार फेज 1, दिल्ली पुलिस अपार्टमेंट के सामने) के एटीएम से पैसे निकालने गई थी. पैसे निकालने के दौरान उसका एटीएम कार्ड मशीन में फंस गया. एटीएम कार्ड मशीन में फंसने के बाद पीड़िता ने जब हेल्पलाइन नंबर से मदद मांगी तो मदद करने के बहाने जालसाजों ने विक्टिम को 21 हजार रुपये का चूना लगा दिया.

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ऐसे हुआ फ्रॉड
दरअसल, पैसे निकालने के लिए जब अपूर्वा ने एटीएम कार्ड लगाया तो कार्ड मशीन में फंस गया. एटीएम कार्ड फंसने के बाद वहां बाहर मौजूद एक शख्स ने अपूर्वा को मदद की पेशकश करते हुए कहा, आप इस नंबर पर कॉल कर लीजिए. पीड़िता ने मशीन पर लिखे नंबर पर जब फोन मिलाया तो फोन उठाने वाले शख्स ने खुद को बैंक एजेंट बताया. कथित एजेंट ने पीड़िता से तमाम स्टेप्स फॉलो करने को कहा ताकि पीड़िता को फ्रॉड की भनक न लगे. 

एजेंट ने पीड़िता से मशीन नंबर पूछा, जोकि मशीन पर मार्कर से लिखा हुआ था. एजेंट ने रविवार होने की वजह से कार्ड नहीं निकलने का दावा किया. उसने ये भी कहा कि मैं यहां से एटीएम मशीन बंद कर देता हूं, इंजीनियर सोमवार सुबह ही आ पाएगा और एटीएम कार्ड उसके बाद ही निकल पाएगा.

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एजेंट ने पीड़िता से क्लियर और कैंसल का बटन एक साथ दबाने को कहा और पिन डालकर एंटर करने के लिए कहा. इसके बाद मशीन पर Out Of Service लिखा हुआ दिखा. इसके बाद खुद को बैंक एजेंट बताने वाले शख्स ने पीड़िता से उसका फोन नंबर मांगा और जरूरी जानकारी फोन के द्वारा साझा करने की बात कही. जालसाज ने पीड़िता से कार्ड मशीन में ही छोड़ने को कहा. पीड़िता कुछ देर तक तो एटीएम मशीन के बाहर खड़ी रहीं फिर करीब 10 मिनट बाद जब वहां से निकली उसके पास 21 हजार रुपये डेबिट का मैसेज आ गया. मैसेज से पता चला कि ये पैसे उसी एटीएम से निकाले गए हैं. इसके बाद पीड़िता ने स्थानीय पुलिस के पास शिकायत दर्ज करा दी.

कौन सा तरीका अपना रहे जालसाज
दरअसल, आज-कल स्कैमर्स एटीएम में पहले से ही ऐसा लिक्विड लगाकर रखते हैं, ताकि आपका कार्ड एटीएम मशीन में चिपक जाए. ऐसा हर एटीएम में नहीं होता, लेकिन किसी किसी एटीएम में हो रहा है. कार्ड फंसने के बाद ग्राहक हेल्पलाइन का सहारा लेना चाहते हैं, इसके लिए जालसाज पहले से ही हेल्पलाइन नंबर लिखकर चले जाते हैं. फिर जब आप कॉल करते हैं तो आपके साथ जालसाजी की घटना को अंजाम दिया जाता है. इसलिए आपके साथ कभी ऐसी घटना पेश आए तो तुरंत 100 नंबर डायल कर पुलिस की मदद लें.

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