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दिल्ली: डीजल गाड़ियों पर 1 अक्टूबर से बैन, व्यापारी बोले- दूसरे राज्य में शिफ्ट करना पड़ेगा बिजनेस

दिल्ली सरकार की भारी और मध्यम डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने की योजना का दिल्ली के व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि डीजल गाड़ियां बैन करने से ट्रक और दूसरे भारी वाहन नहीं आ पाएंगे. इससे बिजनेस प्रभावित होगा.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST
  • अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ की बैठक में उठा मुद्दा
  • भारी और मध्यम गाड़ियों को किया जाएगा बैन

दिल्ली सरकार 1 अक्टूबर से दिल्ली में भारी और मध्यम डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने जा रही है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब व्यापारी सामने आए हैं. उनका कहना है कि इसका सबसे ज्यादा असर व्यापारियों पर पड़ेगा. डीजल गाड़ियां बैन होने से ट्रक और दूसरे भारी वाहन नहीं आ पाएंगे. अगर आदेश वापस नहीं हुआ तो हमें दूसरे राज्य में बिजनेस शिफ्ट करना पड़ेगा.

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बुधवार को अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने दिल्ली के सभी हिस्सों के व्यापारियों के संगठनों की बैठक बुलाई. इसमें व्यापार जगत से जुड़े करीब 200 नेताओं ने भाग लिया. बैठक में अखिल भारतीय परिवहन कल्याण संघ और दिल्ली परिवहन संघ के नेता भी शामिल हुए.

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि अगर सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है तो दिल्ली के व्यापारियों के पास पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान का रुख करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा. इसके लिए दिल्ली सरकार ही जिम्मेदार होगी.

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सीएआईटी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा की अध्यक्षता में एक एक्शन कमेटी बनाकर पूरे दिल्ली में 10 जुलाई से आदेश के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत दिल्ली के सभी बाजारों में 200 से ज्यादा बैठकें और व्यापारियों की रैलियां आयोजित की जाएंगी.

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प्रस्ताव में आगे कहा गया कि प्रदूषण निश्चित रूप से एक बड़ी समस्या है. इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. लेकिन यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि ऐसे कदमों से कारोबार को नुकसान न पहुंचे. पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापारियों ने दिल्ली में 1 करोड़ पेड़ लगाने की बात कही. बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम से सहयोग मांगा जाएगा. 

CAIT का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेगा और इस आदेश को वापस लेने का आग्रह करेगा.

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