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दिल्ली के बवाना में फैक्ट्रियों में आग लगने के बाद दमकल विभाग ने इलाके की फैक्ट्रियों की सुरक्षा जांच करने का फैसला किया है. दिल्ली दमकल सेवाओं के निदेशक जी सी मिश्रा ने बताया कि जिस इलाके में आग लगी, वहां बिजली की तारें अस्त- व्यस्त हैं.
बता दें कि इस हादसे में 10 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा कि आग प्लास्टिक के गोदाम से शुरू हुई जो पास ही मौजूद पटाखा फैक्ट्री तक पहुंच गई. हादसे में 13 लोग पहली मंजिल, 3 ग्राउंड फ्लोर और एक की मौत बेसमेंट में हुई है. मरने वालों में 8 महिलाएं हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई लोगों ने जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी.
मिश्रा ने कहा,‘जांच की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मैं आग लगने के कारण पर कोई तकनीकी टिप्पणी नहीं करुंगा. बिजली की तारें अस्त व्यस्त थी. जांच एजेंसियां और फॉरेंसिक टीमें इसकी जांच कर सकती हैं.’
उन्होंने बताया कि विभाग अग्निशमन सुरक्षा कदमों के लिए औद्योगिक इलाके में अन्य फैक्ट्रियों की भी जांच करेगा. उन्होंने कहा कि आग की हर घटना के बाद ऐसे कदम उठाए जाते हैं.’ उनके अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या फैक्ट्री को एनओसी दी गई थी.
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मिश्रा ने कहा, ‘जो अधिकारी सबसे पहले इमारत में घुसा था उन्होंने मुझे बताया कि दरवाजे बंद थे और लॉक नहीं थे. एक शटर आधे मीटर तक खुला था. कोई भी निकास द्वार बंद नहीं था और हमें इमारत में घुसने के लिए दरवाजे नहीं तोड़ने पड़े.’