
दिल्ली को 10 साल बाद महिला मुख्यमंत्री मिला है. अतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गई हैं. आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ से पहले आतिशी अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचीं, जहां से वो अरविंद केजरीवाल के साथ एक ही गाड़ी में राजनिवास शपथ के लिए पहुंचीं. शपथ के बाद आतिशी ने केजरीवाल के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया और फिर दोनों साथ ही वापस शपथ समारोह से लौटे. वहीं सीएम बनने के बाद आतिशी ने दिल्ली की जनता से अरविंद केजरीवाल को अगले चुनाव में दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की अपील की है.
मुख्यमंत्री आतिशी का कार्यकाल संक्षिप्त होगा, क्योंकि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में आतिशी और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के सामने अगले कुछ महीनों में शुरू की जाने वाली लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और नई पहलों की एक लंबी लिस्ट है, जो अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की जानी है. आतिशी को शहर की सरकार के कामकाज में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा, जिससे उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के जेल में रहने के कारण महीनों तक धीमी गति से चलने वाली प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएं फिर से पटरी पर आ जाएं.
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आतिशी के सामने कई चुनौती
दरअसल, आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की पांच महीने की न्यायिक हिरासत के कारण, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार फंड की कमी के कारण सड़क, जल आपूर्ति और सीवर और दवाओं सहित बुनियादी सेवाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष कर रही है, जैसा कि पार्टी नेताओं ने दावा किया है. आतिशी को अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान इन और बहुत सी चीजों से निपटना होगा. इसके अलावा उन्हें केजरीवाल के उस वादे को पूरा करना होगा जिसमें उन्होंने प्रस्तावित मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली की पात्र महिलाओं को 1,000 रुपये का मानदेय देने का वादा किया था.
इन योजनाओं को धरातल पर उतराने की चुनौती
पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि उनके सामने सबसे बड़ा काम पार्टी के परामर्श से मंत्रियों के बीच विभागों का आवंटन करना, ग्रुप-ए पोस्टिंग के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित करना, सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को फिर से शुरू करना, दिल्ली ईवी नीति 2.0 और सौर नीति को मंजूरी देना आदि शामिल है. नई मुख्यमंत्री सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, प्रदूषण, सब्सिडी के वितरण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन संशोधन से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर लंबित काम को गति देने के लिए व्यस्त बैठकों में भी शामिल होंगी.
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अधिकारियों ने बताया कि आतिशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना है, क्योंकि दिल्ली सरकार के विभिन्न प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि नए मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद आने वाले हफ्तों में मोहल्ला क्लीनिक और प्रीमियम बसें, अस्पतालों, स्कूलों और फ्लाईओवरों का उद्घाटन और नई पहल जैसी परियोजनाएं और योजनाएं मूर्त रूप ले सकती हैं.
दिल्लीवासियों के हितों की रक्षा करना लक्ष्य: आतिशी
केजरीवाल की जगह चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा था कि अगले कुछ महीनों में उनके दो लक्ष्य होंगे, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आप सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिलाओं के लिए बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा जैसी योजनाओं को रोकने के कथित प्रयासों के खिलाफ दिल्लीवासियों के हितों की रक्षा करना शामिल है. नई मुख्यमंत्री के अनुसार, उनका अगला लक्ष्य फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद शीर्ष पद पर केजरीवाल की विजयी वापसी सुनिश्चित करना होगा. आतिशी ने कहा है कि उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है और वह केजरीवाल के "मार्गदर्शन" में सरकार चलाएंगी.