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केजरीवाल को कोसने में कोरोना भूले बीजेपी के पार्षद, उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

बीजेपी पार्षदों के प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं. कई पार्षदों के चेहरे पर तो मास्क भी नदारद था. जब इस संबंध में पार्षदों से सवाल किए गए तो सब के सब बगले झांकने लगे.

बीजेपी पार्षदों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन बीजेपी पार्षदों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
  • केजरीवाल को कोसने में पार्षदों ने ताक पर रखे नियम
  • पूर्व मेयर बोले- छोटी बातें करनी पड़ती हैं नजअंदाज
  • एमसीडी के कर्मचारी भी बकाया वेतन के लिए धरने पर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की महामारी ने फिर से तेजी पकड़ ली है. कोरोना के मामले कम होने के बाद दोबारा बढ़ने लगे हैं तो जिन पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है, वही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. दिल्ली में सोमवार को एमसीडी की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पार्षदों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

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केजरीवाल सरकार को कोसने में बीजेपी पार्षद कोरोना को भूल गए. अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी को ताक पर रख दिया. बीजेपी पार्षदों के प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं. कई पार्षदों के चेहरे पर तो मास्क भी नदारद था. जब इस संबंध में पार्षदों से सवाल किए गए तो सब के सब बगले झांकने लगे.

उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

किसी ने कहा कि हमने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भले नहीं किया हो, लेकिन मास्क तो लगाया हुआ है. तो कई पार्षदों ने यह स्वीकार किया कि नियमों की धज्जियां उड़ाना सही नहीं है. ईस्ट एमसीडी के पूर्व मेयर विपिन बिहारी सिंह से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने नियमों की अवहेलना किए जाने को नजरअंदाज करने की मजबूरी बता डाली.

कई पार्षदों के चेहरे पर नहीं थे मास्क भी

ईस्ट एमसीडी के पूर्व मेयर सिंह ने कहा कि हमारे कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन नहीं मिला है और उन्हीं के लिए हम ये लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसी लड़ाई में छोटी-मोटी बातों को नजरअंदाज तो करना ही होता है. दूसरी तरफ, सैकड़ों की तादाद में एमसीडी के कर्मचारी भी साथ ही धरने पर बैठे थे. धरना दे रहे कर्मचारी अपना बकाया पांच महीने का वेतन मांग रहे थे.

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कर्मचारियों की मांग है कि उनके बकाया वेतन का भुगतान जल्द किया जाना चाहिए. कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में भी पूरी ड्यूटी की है, लेकिन फिर भी फंड का रोना रोकर उन्हें और उनके परिवार को मुश्किल में डाला जा रहा है. प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी कहते हैं कि अगर इनके पास पंड नहीं है, तो कुर्सी क्यों नहीं छोड़ दे रहे. कुल मिलाकर नेता और कर्मचारी अपनी-अपनी मांग पर डटे हैं. कोरोना को लेकर न चिंता यहां है न वहां.

 

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