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बीजेपी नेता ने प्रशांत किशोर को बताया ब्लैकमेलर

दिल्ली के आगामी चुनाव के लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक और आम आदमी पार्टी के बीच बात बन गई है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के साथ आ गए हैं.

प्रशांत किशोर (फाइल फोटो) प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:37 PM IST

दिल्ली के आगामी चुनाव के लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक और आम आदमी पार्टी के बीच बात बन गई है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के साथ आ गए हैं.

इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए उन्हें ब्लैकमेलर बताया है.

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि वो एक ब्लैकमेलर हैं, ऐसा लगता है कि वो बीजेपी को ब्लैकमेल कर रहे हैं कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा में पद दे या कुछ और दे लेकिन ऐसा नहीं होगा. बीजेपी संगठन वाली पार्टी है, ऐसे भाड़े के लोग आते और जाते हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को समर्थन देने के मामले में जद (यू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बगावती तेवर अपनाया हुआ है. प्रशांत ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन ट्वीट कर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने अपनी पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए ट्वीट किया, 'बहुमत से संसद में नागरिकता संशोधन कानून पास हो गया. न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है.'

उन्होंने आगे लिखा, 'तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने सीएए और एनआरसी को नकार दिया है और अब दूसरे राज्यों को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.' उल्लेखनीय है कि इससे पहले जद (यू) ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, परंतु किशोर ने उन सलाहों को नजरअंदाज करते हुए एक बार फिर अपनी नाराजगी सार्वजनिक की है.

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जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी निर्णय पर सहमत नहीं होने पर अपने विचार पार्टी फोरम में रखना चाहिए. उन्होंने किसी को भी ऐसे सार्वजनिक बयानों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से पार्टी के रुख के खिलाफ नहीं जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि सीएए का लोकसभा और राज्यसभा में जद (यू) ने समर्थन किया है.

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