
नोटबंदी के बाद कैशलेस का मनी मंत्र अब बीजेपी मुस्लिमों को भी समझाने में जुट गई है. मुस्लिम इलाकों में बीजेपी की कैशलेस मुहिम शुक्रवार से शुरु हो गई है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ के बाद दिल्ली की 23 मस्जिदों के बाहर अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता मोबाइल ऐप बैंकिंग का प्रचार करते नजर आए. नोटबंदी के बाद कैश की कमी झेल रहे लोगों को मोबाइल और इंटरनेट के ज़रिए अपने रोज़मर्रा के खर्चे करने के लिए तरीके समझाए.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद भी चांदनी चौक की फतेहपुरी मस्जिद के बाहर नज़र आए. जैसे ही लोग नमाज़ पढकर मस्जिद से बाहर निकले मोदी के संदेश वाले पर्चे उन्हें थमाकर उनसे मोबाइल ऐप और डिजिटल पेमेंट शुरु करने की गुहार लगाते बीजेपी कार्यकर्ता नज़र आए, कार्यकर्ताओं ने लोगों को जेब में पैसा न हो, तो खाते से कैसे सीधे खर्च किया जा सकता है इसके तरीके बताए. छोटी-छोटी चीज़ें भी कैसे डिजिटल भुगतान के जरिए खरीदी जा सकती हैं और ऐसा करने से लोगों को क्या फायदा होगा, ये सब चीजें बीजेपी की प्रचार सामग्री का हिस्सा है. इसके लिए जगह जगह सेमिनार और परिचर्चा भी हो रही है.
मुस्लिम इलाकों को टारगेट करने के पीछे पार्टी का मकसद समुदाय के लोगों के बीच नोटबंदी को लेकर फैल रही गलतफहमियों को दूर करने का है. इसी के तहत शुक्रवार को 23 मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को फायदे गिनाए गए. आतिफ रशीद के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोग धार्मिक वजहों से बैंकिंग सिस्टम से दूर रहते हैं. इसके अलावा जानकारी के अभाव में डिजिटल भुगतान के प्रति एक हिचक भी लोगों में है, ऐसे में उनकी मुहिम पीएम मोदी के कैशलेस इंडिया से मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी जोड़ने की है.
अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिम समाज के बीच शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ के बाद शाही फतेहपुरी मस्जिद, जामा मस्जिद बाटला हाउस, बंगलेवाली मस्जिद निजामुद्दीन, अनर मस्जिद मुस्तफाबाद, हाजी अली मस्जिद कुतुबमीनार, मदीना मस्जिद वजीरपुर, मक्की मस्जिद किराड़ी, इमामिया हाल पंचकुइंया रोड सहित दिल्ली की 23 मस्जिदों के बाहर अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओ ने मोबाइल ऐप बैंकिंग के लाभों का प्रचार किया.