
नोटबंदी से एक तरफ जनता परेशान है तो दूसरी तरफ इसे लेकर राजनीति भी थमने का नाम नहीं ले रही है. आम आदमी पार्टी ने नोटबंदी के मामले में मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है. इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अगुवाई में पार्टी संसद मार्च निकालने जा रही है. इस रैली में तमाम विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.
सोमवार को AAP प्रवक्ता आशीष खेतान ने बताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में नोट बंदी बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. इससे भाजपा को काफी नुकसान पहुंचेगा. आम आदमी का पैसा इकट्ठा कर बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा हैM जिस वजह से बैंक कंगाली की कगार पर हैं. देशभक्ति के नाम पर मोदी सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपये का घोटाला किया है.
खेतान ने आगे कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी स्कीम का कालाधन और काला धन रखने वाले लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और यह बात और भी पुख्ता तब हो जाती है, जब आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती ने भी इसे एक नाकामयाब स्कीम बता देते हैं. उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि आरबीआई ने पहले ही नोटबंदी के इस तरह के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था और उन्होंने बाकायदा इसकी वजह भी बताई हैं.
पहली वजह:
कालाधन रखने वाले लोगों की एक सूची इनकम टैक्स विभाग के पास मौजूद रहती है, इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों को मालूम होता है कि किस-किस ने कितना कालाधन अर्जित कर रखा है और इनकम टैक्स विभाग अगर चाहे तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. इससे भी आगे बढ़कर अगर सरकार चाहे, तो ऐसे लोगों के विरुद्ध सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के माध्यम कड़ी कार्रवाई करा सकती है.
दूसरी वजह:
जिन लोगों के पास कालाधन होता है, वो उसे अपने घर की अलमारी या गद्दों के नीचे छिपा कर नहीं रखते. कालाधन रखने वाले लोग उसे या तो रियल एस्टेट में, या फिर कॉमोडिटी यानी गोल्ड में या फिर विदेशी बैंक खातों में जमा रखते हैं. नोटबंदी करके कालेधन के ख़िलाफ़ लड़ाई नहीं जीती जा सकती.