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दिल्ली शहर में डेंगू-चिकनगुनिया बीमारी पूरी तरह अपने पांव पसार चुकी है. शुरू में तो सरकार पूरी तरह डेंगू, चिकनगुनिया के फैलने से ही इनकार करती रही, अब सरकार जागी भी है तो उसके पीछे कहीं ना कहीं डर छुपा है, इसकी वजह से अस्पतालों में बाउंसर की तैनाती की गई है.
गार्ड के साथ बाउंसर भी तैनात
डेंगू-चिकनगुनिया की खबरें लगातार मीडिया की कवरेज में बनी रहने के बाद अस्पतालों में बाउंसर की तैनाती की गई है. अस्पतालों के मुख्य दरवाजे पर गार्ड के साथ-साथ बाउंसर भी तैनात किए गए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की माने तो मरीज के साथ कभी-कभी बहुत से परिजन आ जाते हैं और वो डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. मंत्री जी की बात मान भी ली जाए तो ऐसा होता है. मगर ये समझ से परे है कि मीडिया कौन सा डॉक्टर को पीटता है जो मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में मंत्री सत्येंद्र जैन कहते हैं कि ऑपरेशन थिएटर और ICU को छोड़कर मीडिया डेंगू बुखार की परिस्थिति दिखा सकता है.
कैमरे देखते ही टूट पड़े बाउंसर
सत्येंद्र जैन की बात मानकर जब 'आज तक' दिल्ली सरकार के अस्पताल GTB पहुंचा तो कैमरा देखते ही बाउंसर टूट पड़े. ये बाउंसर मुंह पर अस्पताल का नकाब और सफेद शर्ट-काली पेंट में दिखे. ये बाउंसर सिर्फ मीडिया को ही नहीं बल्कि लोक और तन्त्र के बीच के सेतु को खत्म कर रहे हैं. ये बाउंसर जता रहे हैं कि बल की आड़ में सरकार बाउंसर की भुजाओं की ओढ़ में जनता से कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है.