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BSF की ड्रोन हंटिंग टीम LOC पर तैनात, PAK की ड्रोन वाली चाल पर रख रही पैनी नजर

हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक चैटरिंग डिकोड किया था, जिसमें पाकिस्तान, जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर कठुआ, सांबा और हीरानगर सेक्टर से हथियार भेजने के लिए जिन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. उसके लिए बकायदे कोड वर्ड 'परिंदा' प्रयोग किया जा रहा है.

जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST
  • नया एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर और सेंसर से लैस होगा
  • इसमें 360 डिग्री निगरानी करने की भी प्रणाली मौजूद होगी

पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ ड्रोन वाली साजिश रची जा रही है. उसकी सेना और आतंकियों ने ISI के कहने पर ड्रोन के जरिये हथियारों, ड्रग्स और स्टिकी बम भेजने में लगे हुए हैं. पाकिस्तान की इस चाल को नाकाम करने के लिए बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) ने इंटरनेशनल बॉर्डर और LOC पर मोबाइल हंटिंग टीम तैनात कर दिया है. 

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सूत्रों के मुताबिक, इस टीम में पूरा एक टेक्निकल विंग होगा जो ड्रोन एक्टिविटी के इनपुट्स के आधार पर एक्शन लेगी. मकसद यही है कि सीमा पर कोई भी दुश्मन ड्रोन अगर नजर आये तो उसको वहीं पर ध्वस्त कर देना है.

ड्रोन को लेकर क्या है खुफिया जानकारी

आजतक को एजेंसियों के हवाले से खबर मिली है कि पाकिस्तान ड्रोन से हथियार और ड्रग्स भेजने के लिए ISI ने कई ड्रोन सेंटर LOC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैयार किये हैं. यही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए डमी ड्रोन में हथियार और विस्फोटक उतारने का प्लान तैयार किया है. यानी एक ड्रोन में हथियार और दूसरे में डमी ड्रोन के जरिए सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. 

BSF सूत्रों के मुताबिक, GPS कंट्रोल ड्रोन का ज़्यादा इस्तेमाल करने में जुटे पाकिस्तान के आकाओं के लिए ड्रोन हंटिंग टीम तैयार की गई है. आजतक पहला ऐसा चैनल है जो कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशन पर पहुंचा है जहां पर उसने बीएसएफ की तैयारियों और ड्रोन हंटिंग टीम के बारे में जानकारी हासिल की है. यह ड्रोन हंटिंग टीम दुश्मन ड्रोन के उड़ते ही सक्रिय हो जाता है और उसको वहीं पर मार गिराया जाता है.

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आपको बता दें कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की ओर से ड्रोन भेजने वाली चाल की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी. आजतक को बीएसएफ के सूत्रों ने बताया है कि बॉर्डर पर 12 जगहों पर बीएसएफ को एंटी ड्रोन सिस्टम और ड्रोन हंटिंग टीम से लैस किया गया है.

एंटी ड्रोन सिस्टम में क्या खासियत होगी?

नया एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर और सेंसर से लैस होगा. साथ ही इसमें 360 डिग्री निगरानी करने की भी प्रणाली मौजूद होगी. इसके जरिए भारतीय सीमा में आने वाले किसी भी ड्रोन पर नजर रखी जा सकेगी. 

सुरक्षा महकमे के एक अधिकारी के मुताबिक, एंटी-ड्रोन सिस्टम में रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, एलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर, जैमर और कंट्रोलर मैकेनिज्म मौजूद होगा. इसके राडार में ड्रोन की दिशा के बारे में सटीक जानकारी देने वाली निगरानी क्षमता मौजूद भी होगी. इस सिस्टम में कैमरे भी लगे होंगे. साथ ही इसका जैमर इतना ताकतवर होगा, जिससे 5 सेकेंड से भी कम समय में सिग्नल जाम किए जा सकेंगे. 

अगर पाकिस्तान चालाकी करके प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन भारत के अंदर भेजता है तो उसको भी इस नए सिस्टम से जाम कर दिया जाएगा. BSF के सूत्रों ने जानकारी दी है कि ये सिस्टम छोटे आकार का होगा और इसकी तैनाती प्रक्रिया भी आसान से की जा सकेगी. इसे 10 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय सीमा और फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशन के किसी भी एरिया में स्थापित किया जा सकता है. ये सब काम मोबाइल हंटिंग टीम के जिम्मे होगा. साथ ही पूरे सिस्टम को छोटे-छोटे हिस्सों में खोला जा सकता है, जिससे इसे कहीं भी ले जाना आसान होगा.

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यही नहीं एंटी-ड्रोन सिस्टम दिन के साथ रात यानी 24×7 निगरानी करने में सक्षम होगा. साथ ही इस एंटी ड्रोन सिस्टम में ये भी तकनीक डाली जा रही है कि ये एक समय में एक से अधिक ड्रोन का पता लगा सके और उसकी लोकेशन को डिटेक्ट कर उसको कंट्रोल रूम तक सूचित कर सके.

ड्रोन को दुश्मन किन-किन तरीकों से इस्तेमाल कर सकता है? 

1. जानकर कहते हैं कि आतंकी हथियारों की कमी को दूर करने के लिए ड्रोन के जरिए पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, गुजरात के इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी के जरिए हथियार भेज सकते हैं. हाल ही में पंजाब और जम्मू कश्मीर के कठुआ और सांबा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने चीन निर्मित पाकिस्तान के कई ड्रोन अपने कब्जे में किए हैं, जिसमें भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद मिले हैं.

2. डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ड्रोन का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर इंटरनेशनल बॉर्डर और LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर आतंकी घुसपैठ कराने के लिए पहाड़ी इलाकों के गैप पर नजर रखने के लिए कर सकता है. इसके जरिए बड़ी आतंकी घुसपैठ की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है.

3. आजतक को सुरक्षा एजेंसियों ने यह जानकारी दी है कि ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान की आर्मी जम्मू-कश्मीर में लश्कर और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को दूर से सुरक्षाबलों पर बम या आईडी गिराने के तौर पर कर सकता है.

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