
दिल्ली शराब नीति को लेकर कैग (CAG) रिपोर्ट को अब विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) को सौंप दिया गया है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि समिति को तीन महीने के भीतर अपनी पहली रिपोर्ट सदन के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि पहली कार्रवाई के तौर पर विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए गए हैं कि CAG रिपोर्ट की प्रतियां संबंधित विभागों को तुरंत भेजी जाएं, ताकि उनकी टिप्पणियां और जवाब समय पर प्राप्त हो सकें. उन्होंने कहा कि PAC इस मामले में गहराई से जांच करेगी और रिपोर्ट के सभी बिंदुओं पर विस्तृत मंथन कर अपनी सिफारिशें तैयार करेगी.
हाल ही में बीजेपी की रेखा गुप्ता सरकार ने नवगठित विधानसभा के पहले ही सत्र में सीएजी की 14 पेंडिंग रिपोर्ट्स में से एक रिपोर्ट विधानसभा में पेश की थी. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के समय नई आबकारी नीति में पारदर्शिता और निष्पक्षता की भारी कमी रही. इससे शराब माफियाओं को फायदा हुआ और एकाधिकार की स्थिति बनी. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ से अधिक के राजस्व नुकसान की बात कही है.
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि गलत फैसलों की वजह से सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ. नॉन कंफर्मिंग इलाकों में शराब की दुकानें नहीं खोले जाने की वजह से 941.53 करोड़ का घाटा हुआ. छोड़े गए लाइसेंस को री-टेंडर नहीं करने की वजह से 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कोरोना के नाम पर लाइसेंस फी माफ करने के फैसले से 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से कलेक्ट नहीं करने से 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.