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कोरोनाः CAIT की मांग- दिल्ली में लगे 15 दिन का लॉकडाउन, LG और CM केजरीवाल को लिखी चिट्ठी

कारोबारियों के लिए काम करने वाली संस्था कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली में 15 दिन का लॉकडाउन लगाने की अपील की है. कैट ने अंदेशा जताया है कि अगर कोरोना के संक्रमण को अभी नहीं रोका गया, तो दिल्ली में कोरोना बम फूट सकता है.

कैट ने कहा है संक्रमण को अभी रोकना बहुत जरूरी. (फाइल फोटो-PTI) कैट ने कहा है संक्रमण को अभी रोकना बहुत जरूरी. (फाइल फोटो-PTI)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST
  • दिल्ली के एलजी और सीएम से कैट की मांग
  • कैट ने कहा, कोरोना की चेन तोड़ना जरूरी

दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को बढ़ते देख कारोबारियों के लिए काम करने वाली संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 15 दिन का लॉकडाउन लगाने की मांग की है. कैट ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि दिल्ली में कम से कम 15 दिन का लॉकडाउन लगा जाए और दिल्ली की सभी सीमाओं पर कोरोना टेस्ट के इंतजाम किए जाएं, ताकि संक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके.

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कैट ने ये भी कहा है कि इससे दिल्ली की व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां जरूर प्रभावित होंगे, लेकिन अब जान को पहली प्रायोरिटी पर रखना होगा.  इसके अलावा कैट ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की है कि जिन राज्यों में कोरोना की रफ्तार ज्यादा है, वहां इसकी रोकथाम के लिए पुख्ता योजना बनाई जाए.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की पिछले एक महीने के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यदि कोरोना की चेन को तुरंत नहीं तोड़ा गया तो दिल्ली में कोरोना बम फूटना तय है. उन्होंने कहा कि 18 मार्च को दिल्ली में 80,253 टेस्ट हुए थे जिसमें 607 कोरोना के मामले थे और कोरोना का पॉजिटिविटी रेट0.76% था. 1 अप्रैल को दिल्ली में 78,100 टेस्ट हुए और 2,790 कोरोना के मामले निकले और पॉजिटिविटी रेट 3.5% था. वहीं, 8 अप्रैल को 91,800 टेस्ट हुए और 7,437 कोरोना के मामले निकले, जिससे कोरोना का पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 8.10% हो गया और 17 अप्रैल को 99,200 टेस्ट हुए, जिसमें 24,375 कोरोना के मामले आए और पॉजिटिविटी रेट 24.57% था. ये आंकड़े डराने वाले हैं. साफ है कि दिल्ली में कोरोना अपना विकराल रूप ले चुका है.

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खंडेलवाल ने कहा कि प्रस्तावित लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में रहने वाले लोगों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई उनके घर तक हो, इसके लिए व्यापारिक संगठन पूरी तरह से तैयार हैं और सरकार का हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल सरकार नहीं, दिल्ली के हर नागरिक की है और जरूरत इस बात की है कि पीपीपी मॉडल के आधार पर सरकार और नागरिक मिलकर इस महामारी का मुकाबला करने के लिए तैयार हों.

कैट के प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा ने कहा कि सरकार कुछ भी दावा करे, लेकिन सच्चाई ये है कि दिल्ली में मेडिकल व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. जिस तादाद में मरीज बढ़ रहे हैं, उस अनुपात में मेडिकल सुविधएं हैं ही नहीं. अस्पतालों में बेड नहीं है, आईसीयू खाली नहीं हैं, कोरोना मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं. वहीं कैट के प्रदेश महामंत्री और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के महामंत्री आशीष ग्रोवर ने बताया कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग बड़ी तादाद में कोरोना से सम्बंधित कुछ विशेष दवाओं की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन वो दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. इस कारण मरीजों में हताशा और निराशा है. उन्होंने कहा कि पैसे तो हैं लेकिन मरीज को इलाज उपलब्ध नहीं है.

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कैट ने कहा कि हम सरकार पर कोई आरोप नहीं लगा रहे लेकिन वास्तविकता को देखते हुए अब एक बार फिर कोरोना की चेन को तोड़ना जरूरी हो गया है. इसके लिए लॉकडाउन लगाने के साथ ही एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन और दिल्ली के सभी बॉर्डर पर हर आने वाले व्यक्ति की कोरोना जांच जरूर की जाए. कैट ने मांग की है कि लॉकडाउन में पास केवल सीमित संख्या में उन लोगों को ही दिए जाएं, जिनका मूवमेंट जरूरी हो.

बता दें कि दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,375 नए मामले सामने आए. यानी हर घंटे एक हजार से ज्यादा संक्रमित मिले. एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिलने का ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसी तरह बीते 24 घंटे में 167 लोगों ने कोरोना से जान भी गंवाई.

 

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