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19-20 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाकर पेश करें 14 लंबित CAG रिपोर्ट...LG ने सीएम आतिशी को दिए निर्देश

अगले हफ्ते से क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी के पहले हफ्ते के अंत या दूसरे हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली चुनाव की घोषणा हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए एलजी ने सीएम से इसी हफ्ते सत्र बुलाने को कहा है.

सीएम आतिशी (फोटो- पीटीआई) सीएम आतिशी (फोटो- पीटीआई)
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर 14 लंबित CAG रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखने के लिए 19-20 दिसंबर को विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए कहा है. अपने निर्देश में उपराज्यपाल ने कहा कि कैग रिपोर्ट को तुरंत दिल्ली विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए. एलजी ने अगले दो दिन में सत्र बुलाने को कहा है.

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बता दें कि अगले हफ्ते से क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी के पहले हफ्ते के अंत या दूसरे हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली चुनाव की घोषणा हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए एलजी ने सीएम से इसी हफ्ते सत्र बुलाने को कहा है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है. उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी किया जा रहा है. 

रिपोर्ट्स में क्या है खास? 

इन रिपोर्ट्स में शराब आपूर्ति के नियमन, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे की स्थिति और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कार्यप्रणाली समेत कई अहम मुद्दों पर ऑडिट शामिल हैं. खास बात यह है कि ये रिपोर्ट्स उस अवधि से जुड़ी हैं, जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे.

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यह भी पढ़ें: AAP की फाइनल लिस्ट, कालकाजी से CM आतिशी और GK से सौरभ भारद्वाज को टिकट, नई दिल्ली में केजरीवाल और संदीप दीक्षित के बीच टक्कर

रिपोर्ट्स को समय पर पेश किया जाना जरूरी 

उपराज्यपाल सक्सेना ने संविधानिक दायित्वों का पालन करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इन रिपोर्ट्स का समय पर पेश किया जाना पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. उन्होंने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (GNCTD Act, 1991) की धारा 48 का हवाला दिया. सक्सेना ने इन रिपोर्ट्स को शासन में पारदर्शिता का "मूल आधार" बताया.

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