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'उपभोक्ता अदालतों में पानी, इंटरनेट और टॉयलेट बनाए दिल्ली सरकार,' HC का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को वकीलों और वादियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए चार महीने का समय दिया है. दिल्ली HC के मुख्य न्यायधीश सतीश चंद्रा शर्मा ने दिल्ली सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ये बताए कि उपभोक्ता अदालतों की कितनी कमियां दूर की गईं हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई की. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई की.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:30 AM IST

दिल्ली की उपभोक्ता अदालतों में मूलभूत सुविधाओं की कमी का मामले में हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस संबंध में HC ने दिल्ली सरकार और अन्य को निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली HC ने कंज्यूमर फोरम में पीने के पानी की व्यवस्था, इंटरनेट कनेक्शन, महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बनाने का निर्देश दिया है. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को वकीलों और वादियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए चार महीने का समय दिया है. दिल्ली HC के मुख्य न्यायधीश सतीश चंद्रा शर्मा ने दिल्ली सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ये बताए कि उपभोक्ता अदालतों की कितनी कमियां दूर की गईं हैं.

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अब मामले में 27 जनवरी को सुनवाई

दिल्ली HC ने दिल्ली सरकार से उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में सदस्यों और पीठासीन अधिकारियों के खाली पदों को भरने का भी निर्देश दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2023 को होगी. 

खाली पदों को लेकर दिल्ली सरकार ने दाखिल किया जवाब

बता दें कि दिल्ली HC में मामले की सुनवाई के दौरान वकील श्याम सिंह कोचार ने कंज्यूमर फोरम की कुछ तस्वीरें दिखाईं और कहा कि यहां पर शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है. दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को जवाब दाखिल कर कहा कि जिला आयोग और राज्य आयोग में खाली सभी पदों को सितंबर 2021 में भरा गया था. सिर्फ चार पद सदस्यों के निलंबन या इस्तीफे की वजह से खाली हुए हैं. इन खाली पदों को दिसंबर 2022 तक भर लिया जायेगा.

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