
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को सीबीआई ने सोमवार को अरेस्ट कर लिया. भ्रष्टाचार मामले में उनके साथ ही चार अन्य को भी गिरफ्तार किया गया. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसे दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है.
बताया जाता है कि सीबीआई की ओर से यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के मामले पर की गई है. सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के अलावा चार अन्य को भी अरेस्ट किया है.
चार अन्य में तरुण शर्मा, संदीप कुमार, दिनेश गुप्ता और अशोक कुमार शामिल हैं. संदीप और दिनेश प्राइवेट फर्म एंडेवर के डायरेक्टर हैं. सीबीआई सभी से पूछताछ कर रही है. राजेंद्र कुमार पर घूसखोरी और पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. साथ ही दिल्ली सरकार के काम के लिए ठेकेदारी देने में प्राइवेट कंपनी को लाभ पहुंचाने का भी आरोप है.
जानकारी के मुताबिक, मामला जुलाई 2010 से अप्रैल 2011 के बीच का है, जब राजेंद्र कुमार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे. आरोप है कि राजेंद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग में 16 आईटी कर्मचारियों के नए पद क्रिएट किए और संदीप कुमार को प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर नियुक्त किया. इस पूरे मामले में एंडेवर सिस्टम को 1.7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
ऑपरेटिंग सिस्टम बदलने के लिए लाया पायलट प्रोजेक्ट
राजेंद्र कुमार मई 2011 से अक्टूबर 2012 तक वैट कमिश्नर भी रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग में पहले ही ऑरेकल सिस्टम पर काम कर रहा था, जिसमें 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके थे. जबकि राजेंद्र कुमार ने संदीप कुमार की नियुक्ति एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए की ताकि पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम बदला जा सके. वैट डिपार्टमेंट ने इस मद में 40 लाख रुपये खर्च किए.
एंडेवर को दिया गया 12 करोड़ का ठेका
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि राजेंद्र कुमार पर 2009 से 2014 तक 50 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. एंडेवर को 12 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया, इसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2.4 करोड़, डीटीएल की तरफ से 87 लाख, वैट की तरफ से 7 करोड़ और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से 2.83 करोड़ का ठेका शामिल है.
मंगलवार को कोर्ट में पेशी
सभी पांच आरोपियों को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा. राजेंद्र कुमार को 50 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. यह पूरी कवायद 2006 से शुरू हुई थी.
सरकार को पैरालाइज करने की कोशिश: सिसोदिया
इस बीच, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'यह दिल्ली सरकार को पैरालाइज करने की कोशिश है. केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के समर्थन में बने माहौल से घबरा गई है. यही कारण है कि केंद्र दिल्ली को परेशान कर रही है. सरकार वेबवजह अधिकारियों का ट्रांसफर कर रही है. हम जानना चाहते हैं कि आखिर कौन-सी इमरजेंसी आ गई है.'
सिसोदिया ने आगे कहा, 'कल सर्वे आया कि पंजाब और गुजरात में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला है और आज सीबीआई ने यह कदम उठाया है. दिल्ली में अधिकारियों की कमी के बावजूद उनका ट्रांसफर किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है.'
हम चपरासी से भी काम करवा लेंगे: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा वार करते हुए कहा, 'मोदी जी से हम यही कहना चाहते हैं कि आप भले एक भी अधिकारी मत छोड़िए, अगर सीएम ऑफिस में चपरासी भी बचेगा तो हम उससे भी काम करवा लेंगे और दिल्ली की जनता के हित में काम करते रहेंगे.' सिसोदिया ने आगे कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार दिल्ली की जनता से बदला ले रही है.
सात महीने से तोता कहां था: संजय सिंह
'आप' नेता संजय सिंह ने सीबीआई पर वार करते हुए कहा कि तोता अचानक से फिर वफादारी पर उतर आया है. जांच सात महीने से चल रही थी, तो तोता सात महीने से कहां था.