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दिल्ली में शासन करते हुए अपने कार्यकाल काल का एक साल पूरा करने जा रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली के 77 प्रशासनिक अधिकारियों को गलत ढंग से समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने का आरोप लगाया है.
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' को दिए गए इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा, सीबीआई दिल्ली सरकार के अधिकारियों को गलत ढंग से पूछताछ के नाम पर परेशान कर रही है. ऐसा बीते साल 15 दिसंबर से शुरू हुआ है, जब उनके प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के ऑफिस और घर पर छापा पड़ा था.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर की जा रही ये कार्रवाई दिल्ली सरकार के कामकाज पर बुरा असर डाल रही है. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार की वजह से उन्हें काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं. अगर केंद्र हमें रोजाना परेशान करना बंद कर दे तो हम ज्यादा बेहतर काम कर पाते. अगर हमें केंद्र का सहयोग मिलता तो जितने काम हमने किए हैं वो 10 गुना ज्यादा होते.'
'केंद्र सरकार अधिकारियों को देती है धमकी'
दिल्ली के सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है उसका बुरा असर ब्यूरोक्रसी पर भी पड़ रहा है. दो सरकारों के बीच अधिकारी पिस रहे हैं. दिल्ली सरकार की कैबिनेट अधिकारियों को कुछ करने को कहती है तो केंद्र से उन्हें वो काम न करने की धमकी मिलने लगती है.
दानिक्स अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के फैसले पर केजरीवाल ने कहा कि जो अधिकारी काम नहीं करेंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. हमने हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी वकीलों की सैलरी बढ़ाने का फैसला लिया था. अधिकारियों ने कैबिनेट के फैसले को ठुकरा दिया जो कि गलत है. उन्होंने कहा, 'अगर कोई अधिकारी कैबिनेट का फैसला नहीं मानता तो उसे सजा तो मिलेगी ही.'
'ईमानदार अधिकारियों को निशाना बना रहा है केंद्र'
अधिकारियों को 'बीजेपी की बी टीम' कहने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब आईएएस एसोसिएशन हड़ताल पर गया हो, लेकिन दानिक्स अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने पर उन्होंने हड़ताल का ऐलान कर दिया, जबकि उस वक्त दिल्ली सरकार ऑड-इवन को सफल बनाने के लिए काम रही थी. अगर अधिकारियों को शिकायत थी तो उन्हें मेरे पास आना था. यह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हड़ताल थी. उन्हें हड़ताल पर जाने के लिए कहा था. केंद्र सरकार दिल्ली में तैनात कुछ बेहद ईमानदार अधिकारियों को निशाना बना रही है.'
'एसीबी का कंट्रोल छिन जाने का है खेद'
केजरीवाल ने कहा कि एक साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें उस बात का सबसे ज्यादा खेद है कि एंटी करप्शन ब्रांच उनकी दायरे में नहीं है. AAP सरकार के 49 दिनों के कार्यकाल को याद करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'उन 49 दिनों में हमने दिल्ली के अंदर एसीबी के जरिए करीब 50 अधिकारियों पर कार्रवाई की थी. पुलिसवालों ने रिश्वत लेना बंद कर दिया था. लेकिन बीते साल 8 जून को केंद्र सरकार ने मुकेश मीणा को एसीबी चीफ बनाकर कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया.'
उन्होंने कहा कि 49 दिनों के दौरान हमने मुकेश अंबानी से लेकर पूर्व सीएम शीला दीक्षित तक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन अब एसीबी का कंट्रोल केंद्र के पास है. अब डीडीए और एनडीएमसी के भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ भी एक्शन नहीं ले सकते.
'एमसीडी को हमने ज्यादा पैसा दिया'
दिल्ली में नगर निगम कर्मचाकरियों की हड़ताल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सारा बकाया पैसा चुका दिया है. 2014 में राष्ट्रपति शासन के दौरान बीजेपी का ही शासन था और उन्होंने MCD को कुल 550 करोड़ रुपये दिए, जबकि हमने 890 करोड़ रुपये दिए हैं. केजरीवाल ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी अगले MCD चुनावों में उतर सकती है.
'मोदी के लिए जो कहा सब सही'
अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए कहा, 'मैंने उनके लिए अब तक जो भी कहा है उसके लिए मुझे कोई खेद नहीं है. मैं आखिरी बार उनसे बीते साल अगस्त में मिला था लेकिन उन्होंने बात नहीं की.'
'भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं'
मंत्रियों और विधायकों पर लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा कि जब कोई सरकार काम करती है और एक्शन लेती है तभी उसकी चर्चा होती है. उन्होंने कहा, 'हमने अपने मंत्रियों को भी नहीं छोड़ा. आसिम अहमद खान इसका उदाहरण हैं. हमने उन्हें तुरंत हटा दिया क्योंकि उनके खिलाफ पक्के सबूत थे. दूसरे मंत्री के खिलाफ आरोप लगे लेकिन जांच में निराधार पाए गए.'