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5 दिन की रिमांड पर भेजे गए केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार, CBI ने बताया करप्शन का शेषनाग

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने आरोपियों की 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी. इनको सोमवार दोपहर बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

प्रधान सचि‍व राजेंद्र कुमार प्रधान सचि‍व राजेंद्र कुमार
स्‍वपनल सोनल/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और चार अन्य लोगों को पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है. मंगलवार को सीबीआई अदालत में पेशी के बाद कोर्ट ने उन्हें रिमांड में भेजने का फैसला किया.

जानकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने आरोपियों की 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी. इनको सोमवार दोपहर बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. मामला 50 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी ठेके दिए जाने में एक निजी कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाने का है.

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सीबीआई का तर्क था कि कई बार बुलाने के बाद भी राजेंद्र कुमार ने एजेंसी को जांच मे सहय़ोग नहीं किया और वो प्रभावशाली नौकरशाह हैं, लिहाजा बिना गिरफ्तारी और कस्टडी के मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकत. 10 दिन की कस्टडी को लेकर कहा गया कि यह जरूरी है, क्योंकि उनके बैंक खाते के साथ-साथ मनी ट्रेल का भी पता लगाना है.

सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि राजेंद्र कुमार दिल्ली सरकार में बैठा करप्शन का वो शेषनाग है, जो अगर गया तो पूरी दिल्ली सरकार चली जाएगी.

'राजनेताओं की कठपुतली बन गई है सीबीआई'
राजेंद्र कुमार के वकीलों का कहना था कि इस मामले मे 6 महीने पहले FIR दर्ज की गई थी, लेकिन गिरफ्तारी अब की जा रही है. कुमार को इस मामले मे पूछताछ के लिए जब भी बुलाया गया वो हाजिर हुए हैं. सीबीआई को उनसे कुछ भी रिकवरी नहीं करनी है. वकील ने कहा कि सीबीआई को देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी होनी चाहिए, लेकिन वो राजनेताओं के हाथ की कठपुतली बन गई है.

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'सरकारी गवाह बनने के लिए बना रहे हैं दबाव'
कोर्ट मे इस बीच राजेंद्र कुमार और 'आप' के कुछ समर्थकों ने वकील की बात पर कोर्ट की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए तालियां भी पीट दी. इस मामले के एक आरोपी ने कोर्ट को कहा की सीबीआई इस मामले मे उसे सरकारी गवाह बनाने के लिए लगातार दवाब बना रही है और गिरफ्तारी के बाद पीट-पीटकर कान का पर्दा फाड़ दिया है. उसे डर है कि उसके साथ सीबीआई कुछ भी कर सकती है.

आधे दिन की पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार
बता दें कि राजेंद्र कुमार केंद्र शासित प्रदेश के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें सोमवार सुबह केजरीवाल के कार्यालय के उप सचिव तरूण शर्मा और तीन अन्य लोगों के साथ पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था. आधे दिन तक पूछताछ किए जाने के बाद सीबीआई ने कुमार के एक करीबी सहयोगी अशोक कुमार और निजी कंपनी एंडेवर के मालिकों संदीप कुमार और दिनेश गुप्ता के साथ दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार करने का फैसला किया.

दिसंबर में दर्ज किया था मामला
सीबीआई ने कुमार और अन्य के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में एक मामला दर्ज किया था. आरोप है कि अधिकारी ने पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार के विभागों के टेंडर दिलवाने में एंडेवर कंपनी की मदद करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है.

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सरकार को लगा 12 करोड़ का चूना!
सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) 13 (1) (डी) के तहत आरोप लगाए थे. पांच टेंडर पाने के लिए निजी कंपनी एंडेवर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का कथित तौर पर समर्थन करने के कारण ये आरोप लगाए गए. सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने एक आपराधिक साजिश रची और साल 2007 से 2015 के बीच ठेके दिलाकर दिल्ली सरकार को 12 करोड़ रुपये का चूना लगाया.

अधि‍कारियों ने ली तीन करोड़ रिश्वत!
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि अधिकारियों ने तीन ठेका देते समय तीन करोड़ रुपये की रिश्वत भी ली. सीबीआई के मुख्य सूचना अधिकारी आरके गौड़ ने बताया कि वरिष्ठ नौकरशाह और अन्य पर रिश्वत और आधिकारिक पद के दुरुपयोग व दिल्ली सरकार के ठेके दिलाने में दिल्ली की एक कंपनी का समर्थन करने के आरोप हैं.

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