Advertisement

मनीष सिसोदिया के आरोपों पर CBI की सफाई, कहा- कानून के तहत हुआ एक्शन

मनीष सिसोदिया ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर सीबीआई की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर मेरे कार्यालय से कंप्यूटर जब्त किया. सीबीआई ने इन आरोपों को खारिज किया है.

सीबीआई की टीम शनिवार को सिसोदिया के ऑफिस पहुंची थी (File Photo) सीबीआई की टीम शनिवार को सिसोदिया के ऑफिस पहुंची थी (File Photo)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. जिसमें उन्होंने हैश वैल्यू के बिना कंप्यूटर जब्त करके "दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाने" की कोशिश करा आरोप लगाया था. सीबीआई ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी तलाशी या जब्ती की कार्रवाई करते समय कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन करती है. दरअसल, दिल्ली की अब रद्द की जा चुकी शराब नीति को कथित तौर पर डीलरों के पक्ष में बदलने के लिए भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत सीबीआई जांच का सामना कर रहे मनीष सिसोदिया के दावों को खारिज करते हुए एजेंसी ने कहा कि तलाशी और जब्ती की सभी प्रक्रियाएं कानून के अनुसार हैं. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, "किसी भी तलाशी या जब्ती के दौरान, सीबीआई कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन करती है."

Advertisement

सीबीआई ने शनिवार को सिसोदिया के कार्यालय से एक कंप्यूटर जब्त किया था. इस दौरान सिसोदिया ने ट्वीट कर सीबीआई छापे का आरोप लगाया था, जिसे जांच एजेंसी ने इनकार करते हुए नियम के अनुसार दस्तावेज लेने दफ्तर जाने की प्रक्रिया बताया था. इस पर रविवार को सिसोदिया ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सीबीआई की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर मेरे कार्यालय से कंप्यूटर जब्त किया. इस मामले में सीबीआई-ईडी की जांच अगस्त 2022 से चल रही है, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और सीबीआई की चार्जशीट में मेरा नाम आरोपी के रूप में नहीं है. सीबीआई से मिले सीजर मेमो के अनुसार जब्त दस्तावेज का कोई हैश वैल्यू नहीं किया गया और ना ही सीबीआई ने दस्तावेज का फोटो लिया.

Advertisement

मनीष सिसोदिया ने बयान में कहा कि जब्त डिजिटल डिवाइस की प्रामाणिकता केस को स्थापित करने के लिए अहम है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जब्ती के समय जांच अधिकारी की तरफ से डेटा रिकॉर्ड का हैश वैल्यू लिया जाना चाहिए. मुझे आशंका है कि सीबीआई ने गोपनीय फाइलों व दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए सीपीयू को जब्त किया है और उसमें एडिट कर मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी.

सीबीआई की छापेमारी पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बयान जारी कर कहा है कि कल,  महीने का दूसरा शनिवार था. इसलिए मेरा कार्यालय बंद था. सीबीआई के किसी अधिकारी ने टेलीफोन पर मेरे पर्सनल सेक्रेटरी (पीएस) को कार्यालय आकर उसे खोलने के लिए कहा. दोपहर करीब 3:00 बजे जब मेरे पर्सनल सेक्रेटरी ऑफिस पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मेरे ऑफिस में सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम पहले से ही मौजूद थी. सीबीआई के अधिकारियों ने पर्सनल सेक्रेटरी को कार्यालय खोलने और कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाने को कहा. जैसे ही वे कॉन्फ्रेंस रूम में पहुंचे, उन्होंने वहां एक कंप्यूटर लगा देखा. उन्होंने मेरे सेक्रेटरी को कंप्यूटर चालू करने के लिए कहा, उसका आकलन किया और सीआरपीसी की धारा 91 के तहत एक नोटिस सचिव को सौंप दिया. यह नोटिस उपमुख्यमंत्री (जीएनसीटीडी) के नाम आरसी0032022ए0053 की जांच के संदर्भ में था. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि नोटिस के अनुसार, सचिव से अनुरोध किया गया था कि वह मेरे में कॉन्फ्रेंस रूम में लगे कंप्यूटर सिस्टम का सीपीयू  दें. इसके बाद, निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही मेरे कार्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम से सीपीयू को जब्त कर लिया गया. उक्त नोटिस को देखकर यह पता चल रहा है कि सचिव को नोटिस हाथ से लिखा कर दिया गया और तुरंत ही संपत्ति (सीपीयू) को जब्त कर लिया गया, जो अधिकारियों की के दुर्भावना को दर्शाता है. सीबीआई अधिकारियों की यह कार्य उनके द्वेष को दर्शाता है कि कैसे नोटिस दिया गया और तुरंत उक्त संपत्ति को जब्त कर लिया गया और वो भी साइबर अपराध अध्याय एक्सवीआई, सीबीआई (अपराध) मैनुअल 2020 में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किए बगैर किया. जबकि सीबीआई मैनुअल में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement