
दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की भारी मांग है और इस वजह से कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. फिलहाल केंद्र ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है.
केंद्र सरकार ने आज बुधवार को दिल्ली के लिए 378 मीट्रिक टन से रोजाना का कोटा बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन कर दिया है. कोटा बढ़ाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र का आभार जताया.
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है. हम इसके लिए केंद्र के शुक्रगुजार हैं. केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार को इसकी सूचना दी गई. हालांकि आज शाम ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र से ऑक्सीजन कोटा 700 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की मांग की थी.
इससे पहले राजधानी के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की फिर से मांग की थी.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है. पिछले चार-पांच दिनों से केंद्र सरकार से हम सप्लाई बढ़ाने को कह रहे हैं. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की जो कमी हुई है उसके दो मुख्य कारण हैं. सबसे पहला कारण यह है कि केंद्र ने दिल्ली के लिए जो ऑक्सीजन का कोटा तय किया है, अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से उससे ज्यादा ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है.
700 मीट्रिक टन बढ़े ऑक्सीजन कोटाः सिसोदिया
दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली अपना ऑक्सीजन नहीं बनाती है. जिस राज्य में भी ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होता है, वह केवल उसी राज्य का नहीं होता है. सिसोदिया ने कहा कि ऑक्सीजन को लेकर भारत सरकार की नीतियां स्पष्ट हैं कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन को कंट्रोल करेगी, कोई भी राज्य जहां पर ऑक्सीजन बन रहा है, उसका उस पर कोई कंट्रोल नहीं होगा. राज्य सरकार का ऑक्सीजन पर अधिकार नहीं है. केंद्र बताती है कि किस राज्य को कितनी ऑक्सीजन मुहैया कराई जानी है.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में जिस तरह कोरोना के मामले बढ़े हैं और आसपास के राज्यों से भी जिस तरह कोरोना के मरीज दिल्ली आ रहे हैं, उससे अचानक दिल्ली में ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज ऑक्सीजन की सप्लाई केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है. दिल्ली का कोटा 378 मीट्रिक टन का है, लेकिन मांग आज बढ़कर 700 मीट्रिक टन हो गई है. इसलिए सप्लाई में बढ़ोतरी की जाए.
दिल्ली सरकार में कोरोना के नोडल मंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने कोटा बढ़ाने की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा दिल्ली सरकार का सपोर्ट किया है. दिल्ली सरकार मांग करती है कि केंद्र सरकार उसी भावना से दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाए. दिल्ली के मरीजों के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों से आए मरीज भी दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं. अभी दिल्ली के अस्पतालों में कुल 18 हजार मरीज भर्ती हैं. इन सभी को ऑक्सीजन की जरूरत है. आज शाम को फिर से कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने की आशंका है.
'LNJP में प्रति मरीज 50 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत'
इस बीच देश के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल LNJP में सिर्फ आधे दिन की ऑक्सीजन सप्लाई हुई जबकि इस अस्पताल के कंधे पर 1,500 से ज्यादा बेड्स पर भर्ती सामान्य और गंभीर मरीजों की ज़िम्मेदारी है.
'आजतक' की टीम ने बुधवार को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में ऑक्सीजन की डिमांड और सप्लाई की स्थिति को लेकर मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार से खास बातचीत की.
डॉक्टर सुरेश कुमार ने 'आजतक' से बातचीत में बताया कि अब भी अस्पताल में ऑक्सीजन की बहुत ज़्यादा कमी है. कल ऐसी स्थिति थी कि एक ब्लॉक में ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया था और इस वजह से पूरी रात जागते रहे. हालांकि रात में 2 टैंकर ऑक्सीजन की सप्लाई मिली है.
डॉ. सुरेश कुमार ने अचानक ऑक्सीजन की डिमांड में आई तेज़ी के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले हफ़्ते तक LNJP अस्पताल में ऑक्सीजन की रोजाना की डिमांड 3 से 4 टन तक होती थी. पिछले एक हफ़्ते में कोरोना के सभी बेड पर मरीज भर्ती हो गए हैं और एक मरीज को प्रति मिनट 40 से 50 लीटर ऑक्सीजन देनी होती है. जबकि ऐसे गंभीर मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 80 से 85 के बीच है उन्हें काफी ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देनी पड़ती है.
उन्होंने कहा कि LNJP अस्पताल में आज ऑक्सीजन की रोजाना ख़पत बढ़कर 20 से 21 टन हो गई है. जो पिछले हफ़्ते से 7 गुना ज़्यादा है. LNJP अस्पताल में तय क्षमता से ज़्यादा सिलेंडर के जरिए मरीजों को ऑक्सीजन दे रहे हैं. इसके बावजूद ऑक्सीजन की किल्लत है. कल रात ऑक्सीजन का टैंक आने के बाद भी सिर्फ 12 घंटे की ऑक्सीजन ही रिजर्व है.
डॉक्टर सुरेश कुमार ने दावा किया कि LNJP अस्पताल में भर्ती हर कोरोना मरीज़ को ऑक्सीजन की ज़रूरत है. साथ ही अस्पताल में पिछले 4 दिन से रेमडेसिविर इंजेक्शन पूरी तरह ख़त्म हो चुकी है.