
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से लड़ने के लिए 46 टीमें बनाई हैं. बोर्ड की ओर से पहली बार मेरठ, सोनीपत और पानीपत जैसे शहरों में भी वायु की गुणवत्ता मापी जाएगी. बोर्ड दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति के आकलन के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन दिल्ली (MCD) के साथ बैठक करेगा.
सीपीसीबी के सोशल मीडिया अकाउंट्स इस प्रकार हैं-
फेसबुक अकाउंट: CPCBIndia
ट्विटर अकाउंट: CPCB_OFFICIAL
वायु की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ सीपीसीबी ने प्रदूषण से निपटने के लिए ऑनलाइन समेत अपने प्रयासों को तेज़ किया है. सीपीसीबी का केंद्रीय नियंत्रण कक्ष (CCR) दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायतें प्राप्त करता है. सीपीसीबी के मुताबिक लोग प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें सोशल मीडिया (ट्विटर और फेसबुक), वेबसाइट, ई-मेल और चिट्ठियों के जरिए दर्ज करा सकते हैं.
ऐप के जरिए दर्ज कर सकते हैं शिकायत
दिल्ली-एनसीआर में लोग CPCB वेबसाइट के अलावा ऐप पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. सीपीसीबी में वरिष्ठ वैज्ञानिक वीके शुक्ला ने कहा, “शिकायत दर्ज कराने के लिए बहुत प्रभावी उपकरण समीर ऐप है, क्योंकि इस ऐप पर दर्ज शिकायत खुद ही क्षेत्र के जियो-लोकेशन के आधार पर संबंधित नोडल एजेंसियों को पहुंचा देती है."
GRAP-CPCB ऐप भी विशेष रूप से नोडल एजेंसियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे दर्ज की गई शिकायतों पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके. केंद्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा शिकायतों के निपटाने की हर दिन के हिसाब से निगरानी की जा रही है. इस संबंध में समय-समय पर एजेंसियों को सूचित किया जाता है. शिकायतों के प्राप्त होने के बाद, नोडल एजेंसियों से 24 घंटे के भीतर शिकायत के निपटारे की उम्मीद की जाती है. क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी दस्तावेजी सबूत और तस्वीर के प्रमाण के साथ उसी प्लेटफॉर्म पर अपलोड की जाती है जहां शिकायत दर्ज हुई थी.