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CTI व्यापारियों का वित्त मंत्री को खत, GST के दायरे में आए पेट्रोल-डीजल

व्यापरियों ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को भेजे पत्र के ज़रिए पूछा है, आखिर क्या वजह है कि सरकार हर चीज पर तो जीएसटी लगाने के पक्ष में है लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लगाने के नाम पर कन्नी काट लेती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पंकज जैन/सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों से आम आदमी ही नहीं बल्कि व्यापारी वर्ग भी परेशान है. बढ़ती कीमतों के खिलाफ आवाज उठाते हुए चैंबर ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक पत्र लिखा है. व्यापारियों ने मोदी सरकार से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में लाने की मांग की है.

व्यापरियों ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को भेजे पत्र के ज़रिए पूछा है, आखिर क्या वजह है कि सरकार हर चीज पर तो जीएसटी लगाने के पक्ष में है लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लगाने के नाम पर कन्नी काट लेती है.

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सीटीआई के प्रमुख बृजेश गोयल ने कहा कि न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में तेल के दामों की कीमत आसमान छू रही है. तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से रोजमर्रा की चीजों की कीमतें भी प्रति दिन के हिसाब से महंगी हो रही हैं, लेकिन सरकार बढ़ती महंगाई के लिए कभी भी पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को जिम्मेदार नहीं मानती, बल्कि व्यापारी वर्ग पर ही तरह-तरह के आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ती है.

'आजतक' से बातचीत के दौरान बृजेश गोयल ने बताया कि वर्तमान में पेट्रोल की वास्तविक कीमत का 100% और डीजल की वास्तविक कीमत का 70% टैक्स लिया जा रहा है. जबकि जीएसटी की अधिकतम दर 28% है, अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाता है तो 20 रुपये प्रति लीटर दरें कम हो जाएंगी.

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सीटीआई ने आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली में पेट्रोल का डीलर प्राइज 37.89 रुपये प्रति लीटर है, इस पर सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.48 रुपये प्रति लीटर, वैट 16.21 रुपये प्रति लीटर है. जबकि डीलर कमीशन 3.63 रुपये प्रति लीटर है. यानी जितनी पेट्रोल की वास्तविक कीमत है उतना ही उस पर टैक्स लग रहा है.

वहीं अगर दिल्ली में डीजल की बात करें तो इसका डीलर प्राइज 39.99 रुपये प्रति लीटर है, इस पर एक्साइज ड्यूटी 15.30 रुपये प्रति लीटर है, वैट 9.91 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीलर कमीशन 2.52 रुपये प्रति लीटर है. यानी डीजल पर 60% से अधिक कुल टैक्स लग रहा है.

हालांकि सवाल पूछने पर कि क्या व्यापारी दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से वैट कम करने की मांग कर रहे हैं? बृजेश गोयल ने जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में पेट्रोल पर मौजूदा वैट 27% और डीजल पर 18% वैट लिया जाता है. जबकि उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पर वैट 30% है, महाराष्ट्र में पेट्रोल पर वैट 36% है. यही वजह है कि व्यापारी संगठन वैट और एक्साइज को ख़त्म कर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में लाने की मांग कर रहा है.

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के मुताबिक जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार ने तरह तरह के फायदे गिनाए थे लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लगाने से सरकार बचती नजर आ रही है. सीटीआई ने अपने पत्र में केंद्र सरकार के सामने मांग रखी है कि पेट्रोलियम पदार्थों से तुरंत एक्साइज् और वैट हटाया जाए और जीएसटी लागू किया जाए.

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