
लोकसभा चुनावों को लेकर बेशक बिगुल न बजा हो लेकिन आम आदमी पार्टी ने अभी से लोकसभा चुनावों के लिए ताल ठोंक दी है. आम आदमी पार्टी ने रविवार से विधानसभाओं में डोर टू डोर कैंपेन शुरू कर दी है. इस कैंपेन के जरिए आम आदमी पार्टी दिल्ली वालों से लोकसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के लिए चंदा भी इकट्ठा कर रही है. यह चंदा 100 से लेकर 10 हजार रुपये तक है. हालांकि इसे लेकर पार्टी को आम लोगों का ठंडा रिस्पॉन्स मिला.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने विधानसभा नई दिल्ली क्षेत्र में इसकी शुरुआत की और घर-घर जाकर पार्टी के पिछले साढ़े 3 साल के कामों का बखान किया. केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के सातों सांसद किसी भी काम में दिल्ली वालों के लिए साथ खड़े होते नजर नहीं आते. अगर आम आदमी पार्टी कोई नई पॉलिसी ले कर आती है तो उसको उपराज्यपाल के जरिए रुकवाने की कोशिश की जाती है जिसके कारण दिल्ली वालों का लगातार नुकसान हो रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल डोर टू डोर कैंपेन में लोगों के घर गए (Photo: सुशान्त मेहरा )
वहीं, दूसरी ओर इस कैंपेन में आम आदमी पार्टी के तमाम नेता शामिल रहे. मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपनी विधानसभा क्षेत्र में कैंपेन करते नजर आए. मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी के सातों सांसद होते तो आज दिल्ली वालों को सीलिंग की मार नहीं झेलनी पड़ती. ऐसे में दिल्ली को आम आदमी पार्टी की जरूरत है. इस संदेश से न सिर्फ लोकसभा चुनाव बल्कि विधानसभा चुनावों में भी सहायता मिलेगी.समर्थकों के ही घर जा रहे नेता
मनीष सिसोदिया सबसे पहले खिचड़ीपुर इलाके के आम आदमी पार्टी की एक कार्यकर्ता के घर पहुंचे. फोटोशूट और टीवी इंटरव्यू के बाद सिसोदिया ने एक अन्य कार्यकर्ता के घर जाकर कैंपेन समाप्त कर दिया. इसी तरह दिल्ली में मंत्री गोपाल राय अपने कार्यकर्ताओं के ही घर में चंदा मांगने गए. महज 3 कार्यकर्ताओं के घर जाने के बाद गोपाल राय ने अपना कैंपेन समाप्त कर दिया. लोक सभा प्रभारी दिलीप पांडे तो एक कार्यकर्ता के घर से ही कैंपेन छोड़कर चले गए.
आम लोगों का रिस्पॉन्स ठंडा
दरअसल, आम आदमी पार्टी के 'आपका दान' मुहिम में आम लोगों का रिस्पॉन्स बेहद ठंडा नजर आ रहा है. कार्यकर्ताओं को छोड़ दें तो आम लोग अपने घर के दरवाजे तक भी नहीं खोल रहे हैं. इसी तरह लोग चंदा देने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. एक-दो कार्यकर्ताओं ने ही हर महीने चंदा देने की हामी भरी है.
चंदा जबर्दस्ती मांगने पर दी सफाई
पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में डोर टू डोर कैंपेन चलाने और घर-घर जाकर चंदा मांगने की शुरुआत गोपाल राय ने की. जब दिल्ली आजतक संवाददाता ने उनसे पूछा,"ऐसा लग रहा है कि चंदा जबर्दस्ती मांगा जा रहा है" तो उन्होंने इस बात से इनकार किया. गोपाल राय ने आगे कहा, "ये पहली बार है जब सत्ताधारी पार्टी के पास पैसा नहीं है."