
ये वो जुर्म है, जिसमें कत्ल आसमान छूते धागे से होता है. सबूत के नाम पर सिर्फ एक तेजधार धागा होता है. पुलिस के लिए कातिल को पकड़ना बड़ी चुनौती हो जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली के हैदरपुर फ्लाईओवर पर, जब 30 साल के सुमित रांगा की मौत हो गई और अब आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस को सीक्रेट रेड करनी पड़ रही है. 15 अगस्त आने को है और आसमान में पतंगें उड़ रही हैं और पतंगों की डोर जानलेवा साबित हो रही है.
सुमित रांगा ही नहीं, अब तक कई बाइकर्स बगैर किसी बात या हथियार के इस तरह चाइनीज मांझे की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. दिल्ली में मेटल कोटेड मांझे का इस्तेमाल 15 अगस्त के करीब जोर पकड़ लेता है. एक बार ये मेटल कोटेड मांझा जिसकी गर्दन तक पहुंच गया, समझिए उसकी जान पर बन आई. इसी मेटल कोटेड मांझे को चाइनीज मांझा कहते हैं.
हकीकत ये है कि सांस छीन लेने वाला मांझा चोरी-छिपे बिक रहा है. ये सूती धागे वाले मांझे की तुलना में काफी मजबूत होता है और इसकी डिमांड भी अधिक रहती है. सामान्य मांझा इस मेटल कोटेड मांझे की तुलना में कम खतरनाक होता है लेकिन ये डिमांड में नहीं है. वजह ये है कि चीनी मांझा बनाने में प्लास्टिक या नायलॉन का उपयोग होता है. पतंगबाजी में स्वदेशी मांझे को पटखनी देने वाला चाइनीज मांझा बाजार में भले ही चोरी-छिपे बेचा जा रहा हो, बच्चे इसे ही खरीदना चाहते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे ये बिल्कुल नहीं चाहते कि किसी कीमत पर उनकी पतंग कटे और उसे लूटा जा सके.
चाइनीज मांझे का कारोबार अब भी राजधानी में फल-फूल रहा है. चाइनीज़ मांझा (made of nylon and plastic) और बरेली का मांझा (coated with glass or metal) बेच रहे दुकानदारों के खिलाफ अक्सर दिल्ली पुलिस कार्रवाई करती है. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए सीक्रेट रेड की जा रही है. सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय स्तर पर जांच के सहारे पतंग उड़ाने वाले तक पहुंचने की कोशिश पुलिस कर रही है.
कैसे बनता है चीनी मांझा
चाइनीज मांझे के निर्माण में पांच तरह के केमिकल और कई धातुओं का उपयोग होता है. एल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड का इस्तेमाल भी इसमें किया जाता है. यह सभी चीजें मिक्स होकर तेज धार वाला ऐसा चाइनीज मांझा बनाती हैं, जिसे कोई नहीं काट सकता. इसकी बिक्री सबसे अधिक है. मॉनसून के दौरान बारिश में भी ये खराब नहीं होता. मेटलयुक्त मांझे से करंट भी लग सकता है.
विद्युत तार से सटा तो ठप हो सकती है आपूर्ति
चाइनीज मांझे को लेकर बिजली कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि पतंग के मांझे से अगर 66 या 35 केवी की एक लाइन ट्रिप हुई तो करीब ढाई हजार घरों में बिजली गुल हो सकती है. बिजली कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक कई बार चाइनीज मांझा और पतंग रेलवे लाइन पर गिरते हैं जिससे सप्लाई में बाधा भी आती है. पुरानी दिल्ली में पतंग का मशहूर बाजार लाल कुआं के एक दुकानदार मोहम्मद नफीस ने इसे लेकर कहा कि दिल्ली में सख्ती के बाद चाइनीज मांझा दूसरे राज्यों में चोरी-छिपे बेचा जा रहा है.
अवैध कॉलोनियों में धड़ल्ले से हो रही बिक्री
दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में मांझे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, खासकर ऐसी जगह जो मुख्य दिल्ली से दूर हैं. तिलक नगर, पटेल नगर, विकासपुरी, जनकपुरी, मायापुरी, शादीपुर, अलीपुर, नरेला, मुंडका, बवाना, कंझावला, किराड़ी, बेगमपुर, प्रेम नगर, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी जैसे इलाकों में चाइनीज मांझे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. खरीद-बिक्री के लिए दुकानदार और खरीदार, दोनों ने ही कोड वर्ड भी इजाद कर लिया है.
चाइनीज मांझा खरीदने वाला दुकानदार से प्लास्टिक कहता है और उसे चाइनीज मांझा मिल जाता है. इस संबंध में एक दुकानदार ने बताया कि चाइनीज मांझे की डिमांड अधिक है. इस पर बचत भी अधिक होती है ये 200 से 1000 रुपये तक में आसानी से बिक जाता है. राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो साल 2017 से चाइनीज मांझा बैन है.
सेल रोकने के लिए ये करते हैं छापेमारी
चोरी-छिपे सेल को रोकने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट, फॉरेस्ट, दिल्ली पुलिस और सिविक एजेंसियों के अधिकारी, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन, मेंबर सेक्रेट्री, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. पेटा और एनजीटी की टीमें अक्सर छापेमारी करती रहती हैं. इसके बावजूद इसकी बिक्री रुक नहीं रही है. साथ ही दिल्ली पुलिस हर बार लोगों को जागरूक करने के साथ ही दुकानदारों के खिलाफ रेड भी करती है.
चाइनीज मांझे से कब-कब हुए हादसे
अगस्त 24, 2019: मामला खजूरी खास इलाके का है. यहां पतंग के मांझे ने एक मासूम की जान ले ली थी. सोनिया विहार से एक परिवार अपनी बाइक पर मंदिर जा रहा था. रास्ते में पतंग के मांझे ने पांच साल की मासूम बच्ची का गला रेत दिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
अगस्त 15, 2019: दिल्ली के पश्चिम विहार ईस्ट इलाके में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से स्कूटी सवार सिविल इंजीनियर 22 साल के मानव शर्मा की मौत हो गई थी. बुध विहार में रहने वाले मानव बहनों से राखी बंधवाने के बाद हरिनगर स्थित अपनी मौसेरी बहनों से राखी बंधवाने स्कूटी से जा रहे थे कि पश्चिम विहार स्थित एलिवेटेड फ्लाईओवर पर एक उड़ती पतंग के मांझे ने गला चीर दिया.
अगस्त 14, 2019: नजफगढ़ के निवासी सौरभ दहिया की मंगोलपुरी फ्लाईओवर पर चाइनीज मांझे से घायल होने के बाद मौत हो गई थी.
अगस्त 25, 2019: सोनिया विहार में पांच साल की इशिका पिता के साथ घर जा रही थी. इशिका खजूरी खास इलाके में चाइनीज मांझे की चपेट में आ गई.
जुलाई 12, 2019: तीन साल की दीप्ति बदरपुर फ्लाईओवर पर मांझे की चपेट में आ गई.