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'AAP का एक-एक MLA-मंत्री कट्टर ईमानदार', सदन में विश्वास प्रस्ताव रख बोले केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के लोग आज विश्वास मत पर चर्चा करना ही नहीं चाहते हैं. वो सिर्फ सदन की कार्रवाई को बाधित करना चाहते हैं. वो सिर्फ ड्रामेबाजी करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि सदन की कार्रवाई टीवी चैनलों पर लाइव चल रही होगी. दिल्ली के लोग जब देखेंगे तो यह सोचेंगे कि हमने कैसे लोगों को वोट दे दिया.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव रखा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव रखा.
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली विधानसभा के सदन में विश्वास मत प्रस्ताव रखा. इससे पहले ही भाजपा के विधायकों ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने सभी भाजपा विधायकों को सदन से बाहर कर दिया. सीएम केजरीवाल ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि आज इतना अहम विषय 'विश्वास प्रस्ताव' पर चर्चा होनी है और विपक्ष का इतना गैर जिम्मेदाराना रवैया है. केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता, मंत्री और विधायकों को कट्टर ईमानदार बताया. उनका कहना था कि 20-20 करोड़ का ऑफर मिलने के बावजूद कोई नहीं झुका.

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केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के लोग आज विश्वास मत पर चर्चा करना ही नहीं चाहते हैं. वो सिर्फ सदन की कार्रवाई को बाधित करना चाहते हैं. वो सिर्फ ड्रामेबाजी करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि सदन की कार्रवाई टीवी चैनलों पर लाइव चल रही होगी. दिल्ली के लोग जब देखेंगे तो यह सोचेंगे कि हमने कैसे लोगों को वोट दे दिया. ये लोग सदन के अंदर बैठकर क्या करते हैं? सदन के अंदर ये लोग चर्चा ही नहीं करते हैं. सिर्फ नौटंकी करते हैं. ये बड़े ही दुख की बात है कि इतने गंभीर विषय वाले दिन भी इन लोगों ने इतनी गंदी और छोटी राजनीति करने की कोशिश की.

आज लोग एक टाइम नमक रोटी खा रहे हैं...

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आज पूरे देश में लोग महंगाई की वजह से बहुत ज्यादा परेशान हैं. लोगों के घर के खर्चे नहीं चल रहे. कई लोगों को मैं जानता हूं, जिन्होंने एक टाइम की सब्जी लेनी बंद कर दी है. वो नमक से रोटी खा लेते हैं. कई लोगों ने दूध कम कर दिया है. पूरे देश के अंदर महंगाई की वजह से लोग आज बहुत ज्यादा परेशान हैं. लेकिन जब लोगों से पूछो तो कुछ लोगों को लगता है कि महंगाई अपने-आप बढ़ रही है.

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इतना तो अंग्रेजों ने कभी टैक्स नहीं लगाया...

उन्होंने कहा कि महंगाई अपने आप नहीं बढ़ रही है, बल्कि इन लोगों (BJP) ने महंगाई कर रखी है. इन लोगों ने पिछले पांच-सात साल में हर चीज पर इतना टैक्स लगा दिया, जिसका कोई अंत नहीं है. इन्होंने दही, लस्सी, छाछ, शहद, गेहूं, चावल पर इन लोगों ने टैक्स लगा दिया. आजादी के बाद पिछले 75 साल में कभी इन चीजों पर टैक्स नहीं लगा था. खाने-पीने की चीजों पर तो अंग्रेजों ने भी कभी टैक्स नहीं लगाया था, लेकिन इन लोगों ने टैक्स लगा दिया. इसी वजह से सारी चीजें महंगी होती जा रही हैं.

गुजरात में गरबा पर भी लगा दिया गया टैक्स

केजरीवाल बोले- अगर आज ये लोग सारा टैक्स कम कर दें तो देशभर में एकदम से महंगाई खत्म हो जाएगी. पूरी दुनिया के अंदर गरबा डांस के नाम से गुजरात जाना जाता है. गरबा डांस गुजरात की संस्कृति में है. नवरात्र के समय देवी की पूजा करते वक्त लोग गरबा डांस करते हैं. उस पर इन्होंने टैक्स लगा दिया. इन लोगों ने देवी को भी नहीं छोड़ा. हर चीज पर टैक्स बढ़ा दिया और नई-नई चीजों पर टैक्स लगाए जा रहे हैं. इस वजह से महंगाई है. जनता को यह गलतफहमी है कि हमारी महंगाई अपने आप हो रही है. इन लोगों ने हर चीज पर अनाप-शनाप टैक्स लगाया है, इस वजह से महंगाई हो रही है.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्जे पर ऐसे घेरा...

- एक प्रश्न यह उठता है कि जब इन्होंने (केंद्र सरकार) हर चीज टैक्स लगा दिया है तो इनके पास अरबों-खरबों रुपए आ रहे हैं तो यह पैसा जा कहां रहा है. यह सोचने की बात है. इनके कुछ चंद खरबपति दोस्त हैं. उन खरबपति दोस्तों ने बैंकों से कर्जे लिए. किसी ने 7 हजार करोड़ रुपए का, किसी ने 10 हजार करोड़ रुपए का, किसी ने 15 हजार करोड़ रुपए, तो किसी ने 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया.
- कर्जे लेने के बाद इनके दोस्तों की नीयत खराब हो गई. इन्होंने सोचा कि कुछ भी कर-करा कर ये कर्जे रफा-दफा कराओ, ताकि देने ना पड़ें. ऐसा नहीं है कि ये कर्जे देने के लिए इनके पास पैसे नहीं हैं. इनके पास कर्जा वापस करने के लिए पैसे हैं. इनके पास संपत्ति है. अभी ये सारे अरबपति-खरबपति हैं. लेकिन इनकी नीयत खराब हो गई. इनके सारे अरबपति दोस्तों ने जाकर बोला कि हमारे बैंक के सारे कर्जे माफ करा दो और इन्होंने एक-एक करके सारे बैंकों के कर्जे माफ कर दिए.
- यह मैं नहीं कह रहा हूं. अभी थोड़े दिन पहले जब संसद का सत्र खत्म हुआ तो उस सत्र में केंद्र सरकार ने खुद बयान दिया है कि पिछले पांच साल में हमने अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ करे हैं. किसी के 7 हजार करोड़, किसी के 10 हजार करोड़, किसी के 15 हजार करोड़ माफ कर दिए. 

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मिडिल क्लास, किसान और छात्रों को रियायत नहीं मिल रही...

- देश में किसान दर-दर की ठोंकरें खा रहे हैं. एक किसान ने 50 हजार रुपए का कर्ज ले रखा है तो ये उसके जमीन की कुर्की कर देते हैं, उसका कर्जा माफ नहीं करते हैं. एक छात्र कर्ज लेकर अपनी डिग्री पूरी करता है, उसके कर्जे नहीं माफ करते हैं. उसके पिताजी की जमीन कुर्की कर देते हैं. मिडिल क्लास के कोई आदमी ने कर्ज लेकर गाड़ी खरीद ली और एक किश्त नहीं दे पाया तो ये गाड़ी जब्त करने आ जाते हैं. 
- अगर एक मिडिल क्लास वाले ने लोन लेकर घर खरीद लिया और एक किश्त नहीं देता है तो उसका घर जब्त कर लेते हैं. उनको नहीं छोड़ते हैं. ये मिडिल क्लास, स्टूडेंट, किसान को नहीं छोड़ते हैं, लेकिन इन्होंने अपने अरबपति-खरबपति दोस्तों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ कर दिए. इनके यहां कुछ इस तरह होता है. 
- इनके यहां कोई दोस्त आया और बोला कि मेरे 5 हजार करोड़ रुपए माफ कर दो तो ये अपने मंत्री को बुलाते हैं और उससे कहते हैं कि दही पर टैक्स लगा देना. फिर दही पर जितना टैक्स आता है उससे एक दोस्त के कर्जे माफ कर देते हैं. फिर दूसरा दोस्त आता है और बोलता है कि मेरे 10 हजार करोड़ रुपए के कर्जे माफ कर दो तो ये कहते हैं कि छाछ पर टैक्स लगा दो. फिर छाछ से जितना पैसा आता है, उससे दूसरे दोस्त के कर्जे माफ कर देते हैं. 
- यह ठीक है क्या? यह तो बिल्कुल गलत है. आज अगर ये लोग अपने दोस्तों के जितने कर्जे माफ किए हैं, उसे रिकवर कर लें तो इस देश से महंगाई खत्म हो जाएगी.

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जब अंग्रेजों के बहाने घेरा...

- एक अंग्रेज थे, वो लोगों से लगान लेते थे. लगान समेत कई पिक्चरें आई हैं, जिसमें कोड़े मार-मार कर लगान ले रहे हैं. अंग्रेज लोगों से लगान लेते थे, अत्याचार करते थे. वो लगान लेकर हमारे देश पर खर्च नहीं करते थे. वो सारा पैसा इंग्लैंड ले जाते थे और उनके बाद अब ये अंग्रेज आए हैं. ये भी जनता का खूब खून चूस रहे हैं. हर चीज पर टैक्स ले रहे हैं. वो टैक्स का पैसा आप पर खर्च नहीं कर रहे हैं.
- आपके बच्चों के लिए स्कूल नहीं बना रहे हैं. आपके लिए अस्पताल नहीं बना रहे हैं. आपके लिए बिजली की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं, आपके लिए सड़कें नहीं बना रहे हैं. आपसे टैक्स लेकर ये सारा पैसा अपने अरबपति दोस्तों की जेब में डाल रहे हैं, इसलिए महंगाई हो रही है.
- मैं देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या हम ये बर्दाश्त करते रहेंगे. कभी हमने सोचा कि पेट्रोल और डीजल क्यों महंगा हो रहा है? पूरी दुनिया में हम देखते हैं कि तेल के दाम गिरते हैं और हमारे देश में तेल के दाम बढ़ते हैं. ऐसा कैसे हो सकता है. पूरी दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां भारत से कहीं ज्यादा सस्ते पेट्रोल और डीजल मिल रहे हैं. 
- हमारे यहां महंगा क्यों मिल रहा है? क्योंकि हमारे यहां इन लोगों ने अनाप-शनाप टैक्स लगा रखा है. ये पैसा कहां जाता है, ये पैसा ऑपरेशन लोटस में जाता है. इनका ऑपरेशन लोटस है, अलग-अलग राज्यों के अंदर ये लोग विधायकों को डराकर, उन्हें खरीद कर सरकारें गिराते हैं और अपनी सरकारें बनाते हैं. ये लोग खूब पैसा देते हैं.

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दिल्ली सरकार को गिराने की साजिश...

- दिल्ली के अंदर तो हम लोग बर्दाश्त कर चुके हैं. दिल्ली के अंदर तो हम लोग भुक्तभोगी हैं. अभी पिछले दिनों इन लोगों ने हमारे विधायकों को 20-20 करोड़ रुपए में खरीदने की कोशिश की. कम से कम 12 विधायकों ने आकर मुझे बताया कि 20-20 करोड़ रुपए ले लो और आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में आ जाओ. इनका टारगेट हमारे 40 विधायकों को लेने का था. 
- इन्होंने दिल्ली की सरकार गिराने के लिए 800 करोड़ रुपए रख रखे थे. ये ऑपरेशन लोटस है. लेकिन दिल्ली के सारे विधायक ईमानदार हैं, इसलिए कोई नहीं बिका. दिल्ली इनका ऑपरेशन लोटस फेल हो गया. लेकिन इन्होंने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मेघायल, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल, बिहार, आसाम की सरकार गिरा दी और कुछ दिन में झारखंड की सरकार गिराने वाले हैं.
-  ये सरकारें कैसे गिराई. हमने सुना है कि कई जगहों पर तो इन्होंने एक विधायक को 50-50 करोड़ रुपए दिए हैं. पर दिल्ली में ये 20-20 करोड़ दे रहे हैं. हम मान लेते हैं कि एक विधायक को 20-20 करोड़ रुपए में खरीदा. पिछले पांच-साल साल में इन्होंने दूसरी पार्टियों के 277 विधायक खरीदें हैं. 20-20 करोड़ रुपए के हिसाब से 277 विधायक खरीदने पर 5540 करोड़ रुपए हुए और इन्होंने 800 करोड़ रुपए दिल्ली के लिए रखे हैं. इस तरह, इन्होंने करीब 6300 करोड़ रुपए ऑपरेशन लोटस के तहत सरकारें गिराने और विधायकों को खरीदने में खर्च किए हैं. इसलिए पेट्रोल और डीजल महंगा हो रहा है.
- अगली बार जब पेट्रोल और डीजल महंगा हो, तो समझ जाना कि देश के अंदर किसी राज्य की सरकार गिरने वाली है. अगर देश में कहीं किसी राज्य सरकार गिरे, तो समझ लेना कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े कीमतों का सारा पैसा विधायकों को खरीदने में जाता है. 
- अब झारखंड की सरकार गिरेगी तो आप सभी देख लेना कि आने वाले 15-20 दिनों के अंदर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ जाएंगे. वो दाम झारखंड और दिल्ली के विधायकों को खरीदने के लिए बढ़ेंगे. ये सीधा-सीधा लिंक है, जो अब लोगों को समझ में आने लगा है.
-  मुझे लगता है कि आजादी के 75 साल में केंद्र में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कोई सरकार है तो वो मौजूदा सरकार है. इससे ज्यादा भ्रष्ट सरकार आजतक कभी नहीं आई. जिस तरह से 10 लाख करोड़ रुपए इनके दोस्त खा गए और 6300 करोड़ रुपए से इन्होंने विधायकों को खरीदे और लाल किले पर खड़े होकर कह रहे हैं कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं. इस देश के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं. कौन मानेगा कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हो.
- बाजार के अंदर सरेआम तुम विधायकों को खरीद रहे हो और कह रहे हो कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं. तुमको गरीबों की हाय लगेगी. एक गरीब के बच्चे का दूध काट कर तुम एमएलए खरीदते हो. एक गरीब के बच्चे की रोटी काट कर, उसके गेहूं, आटे के ऊपर टैक्स लगा दिया, उससे अपने अरबपति दोस्तों के खजाने भरते हो, तुम्हें हाय लगेगी. अगर आज ये एमएलए खरीदना बंद कर दें और अपने अरबपति दोस्तों के कर्ज माफ करना बंद कर दें तो मैं दावे के साथ कहता हूं कि देश के अंदर से महंगाई खत्म हो जाएगी. तुरंत महंगाई खत्म हो जाएगी.

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सिसोदिया के घर सीबीआई रेड का जिक्र...

अभी हमने देखा कि पिछले 15-20 दिन में इन्होंने नौटंकी की कि शराब में पैसा खा लिया. हम 10 बार पूछ लिए कि रेड मारे थे, उस रेड में क्या निकला? रेड में कुछ नहीं निकला. अब आज से ऊपर से ऑर्डर आया कि अब शराब पर बात नहीं करनी हैं. अब कह रहे हैं कि नए क्लासरूम क्यों बनाए, टॉयलेट क्यों बनाए? ये कह रहे थे कि इन्होंने टॉयलेट ज्यादा बना दिए. हां, हमने बना दिए. हमारी बच्चियां हैं, उनके लिए हमने ज्यादा टॉयलेट बना दी, तो क्या गलत किया.
- जहां-जहां इनकी सरकारें हैं, वहां पर सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया है. हमने अच्छे स्कूल बना दिए और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, क्या गलत किया? ये कह रहे हैं कि स्कूल ज्यादा बना दिए. अब शराब का जो केस था, वो खत्म. सीबीआई की जांच खत्म. ये गिरफ्तार को अभी भी करेंगे. इनकी इज्जत की बात है, दिखाना तो पड़ेगा ही. लेकिन इस केस में कुछ नहीं निकला. केस में जीरो निकला है.
- अब इनका नया सिगूफा शुरू हो गया है. आज हम यह विश्वास मत का प्रस्ताव लेकर आए हैं. कुछ लोग पूछ रहे थे कि विश्वास मत की क्या जरूरत है? सीएम ने कहा कि विश्वास मत की जरूरत है. यह दिखाने के लिए आम आदमी पार्टी का एक-एक मंत्री, एक कार्यकर्ता, एक-एक एमएलए कट्टर ईमानदार है. ये दिखाने के लिए मध्यप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस सफल हो गया, लेकिन दिल्ली में आकर फेल हो गया. मैं इस सदन से चुनौती देता हूं कि हमारा एक भी विधायक खरीद कर दिखा दो तो मैं मान जाऊंगा. मैं सदन में यह प्रस्ताव प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन मंत्री परिषद में विश्वास व्यक्त करता है.

 

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