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विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी आम आदमी पार्टी, अध्यादेश पर कांग्रेस का साथ मिलने के बाद फैसला

बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के अन्य बड़े नेता शामिल होंगे. ये फैसला दिल्ली में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद लिया गया है. राघव चड्ढा ने रविवार को ये जानकारी दी है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

आम आदमी पार्टी ने बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने की घोषणा कर दी है. इस बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के अन्य बड़े नेता शामिल होंगे. ये फैसला दिल्ली में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद लिया गया है. रविवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी साझा की.

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राघव चड्ढा ने बताया कि आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी. आम आदमी पार्टी के बड़े नेता विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु जाएंगे. पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में ये फैसला लिया गया है. बैठक में शामिल होने के लिए अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और संजय सिंह कल सोमवार शाम को बंगलुरु जाएंगे. दरअसल, बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को बैठक का आयोजन होना है. इसमें अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता पर फैसला लिया जाएगा. 

आप नेता ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च समिति पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हुई. बैठक में विस्तार से हर पहलू पर चर्चा हुई. दिल्ली का जो काला अध्यदेश है, ये साफ तौर पर देश विरोधी कानून है. हर शख्स और पार्टी जो इस देश से प्यार करता है वो इस अध्यादेश का विरोध करेगी और इसे हराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, अपना योगदान देगी. इस कवायद में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अऱविंद केजरीवाल ने देश की तमाम बड़ी पार्टियों से देश विरोधी कानून को सदन के भीतर हराने के लिए समर्थन मांगा.

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उन्होंने कहा कि देश की कई बड़ी पार्टियों ने हमारा साथ दिया और इसे हराने में अपना योगदान दिया. टीएमसी से लेकर आरजेडी तक, जेडीयू से लेकर डीएमके तक, बीआरएस से लेकर एनसीपी तक, सपा से लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना समेत तमाम पार्टियों ने इस अध्यदेश के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की और संसद के भीतर इस कानून को हराने के लिए अपने योगदान की बात रखी. इस कड़ी में आज कांग्रेस ने भी अपना रुख साफ करते हुए इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. हम इसका स्वागत करते हैं. हमारी पार्टी के बड़े नेता 17 और 18 जुलाई को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु जाएंगे.

पटना की बैठक में में शामिल हुए थे ये नेता

पटना में हुई महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए थे. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (जेडीयू), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल) तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं.

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