
पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी ने राजधानी दिल्ली समेत मैदानी इलाकों में पारा काफी नीचे ला दिया है. सर्द हवाओं ने घरों से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है. ऐसे में बेघर लोगों की जिंदगी बेहाल है. हालात इतने खराब हैं कि राजधानी में 14 दिनों के अंदर 96 बेघर लोगों की मौत हो गई है. मौत के इस आंकड़े से न सिर्फ ठंड के प्रकोप का अंदाजा लगाया जा सकता है, बल्कि यह भी समझा जा सकता है कि जिनके सिर पर छत नहीं, उनके लिए दिल्ली कितनी तैयार है. ठंड से मौत का यह दावा सीएचडी नाम की एजेंसी ने किया है.
कपकपाती ठंड की वजह से दिल्ली में 1 से 14 जनवरी के बीच 96 बेघर लोगों की मौत हो चुकी है. हैरान करने वाले यह आकंड़े सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवेलपमेंट के हैं. सबसे ज्यादा मौत नार्थ दिल्ली में हुई हैं.
सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवेलपमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 तक कुल 331 लोगों की ठंड से मौत हो चुकी है. इसनें 235 लोगों ने पिछले दिसंबर महीने में अपनी जान गंवाई. जबकि नए साल के 14 दिनों के भीतर ही 96 बेघर मौत के मुंह में समा गए. ये सब लोग बेघर थे, जो राजधानी दिल्ली में काम की तलाश में रोजी-रोटी के लिए आते हैं.
एजेंसी ने क्या कहा
सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवेलपमेंट (सीएचडी) के सुनील कुमार अलेडिया के अनुसार 1 जनवरी से लेकर 14 जनवरी के बीच 96 बेघरों की मौत का जो मामला सामने आया है, उनमें सबसे ज्यादा मौते नार्थ दिल्ली के इलाके में हुई हैं. कश्मीरी गेट कोतवाली, सिविल लाइन, सराय रोहिला इलाकों में, जहां सबसे ज्यादा रैन बसेरों के दावे सरकार करती है. इन इलाकों में 14 दिन में 23 मौते हुईं.
सेंटर फॉर होलिस्टिक डिवेलपमेंट ने बताया कि ये आंकड़े गृह मंत्रालय की वेबसाइट से निकलवाए गए हैं और ये दर्शाता है कि दिल्ली की जनता बिल्कुल ठीक नहीं है. सीएचडी के सुनील अलेडिया ने बताया कि जोनल पुलिस रात में सड़क से शवों को उठाती है.
अब जबकि बर्फीली हवाओं से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है, ऐसे में बेघर लोगों की मौत का आंकड़ा न बढ़ें, इसके लिए सरकार को पर्याप्त इंतजाम करने होंगे.