
दिल्ली में दूसरे चरण के ऑड-इवन ट्रायल का आज आखिरी दिन है. इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से 74 जगहों पर लगाए गए प्रदूषण नियंत्रक यंत्र से एक्सक्लूसिव डाटा आज तक के हाथ लगा है. डाटा के शुरुआती आंकलन पर गौर करें तो आंकड़े दिल्ली सरकार के पक्ष में नहीं हैं. यानी प्रदूषण में गिरावट दर्ज नहीं हुई है. अंदर ही अंदर रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार घबराई हुई है.
ऑड-इवन के दौरान प्रदूषण बढ़ने के संकेत
डीपीसीसी के सूत्रों के मुताबिक डाटा का सटीक आंकलन करने के लिए सैंपल को पुणे के आईआईटीएम भेजने की तैयारी है. जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि दिल्ली में ऑड-इवन के दौरान में प्रदूषण का स्तर क्या था और अगर कम नहीं हुआ इसकी असल वजह क्या रही. प्रदूषण के लिए जमा किए गए आंकड़ों की मानें तो दूसरे ऑड-इवन के दौरान प्रदूषण में गिरावट दर्ज नहीं की गई है. दिल्ली के तमाम इलाकों में अप्रैल के पहले हफ्ते के मुकाबले ऑड-इवन के दौरान प्रदूषण में पीएम 10 का स्तर बढ़ा है और ये आंकड़े दक्षिणी दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली की है. यानी लगभग सभी जगहों पर पीएम 10 का स्तर में इजाफा हुआ है.
आगे ऑड-इवन पर फिलहाल ब्रेक
इस बीच प्रदूषण का हवाला देकर दिल्ली में हर महीने 15 दिनों तक ऑड-इवन लागू करने पर विचार कर रही दिल्ली सरकार ने फिलहाल इस पर ब्रेक लगा दी है. शुक्रवार को परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ऑड-इवन के तीसरे चरण से पहले दूसरे चरण की रिपोर्ट पर गहराई से विचार किया जाएगा. गोपाल राय ने कहा कि दूसरे चरण के नतीज पर विचार करने के लिए एक 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे ऑड-इवन लागू करने पर विचार किया जाएगा. गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने विशेष परिवहन आयुक्त के के दहिया की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है जो प्रदूषण लेवल समेत ऑड-इवन से जुड़े तमाम मुद्दों पर जांच कर रही है.
ओजोन स्तर में गिरावट दर्ज
वहीं दिन गुजरने के साथ दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बदतर होती जा रही है लेकिन मुख्य वायु प्रदूषण जमीनी स्तरीय ओजोन पिछले साल के अप्रैल के मुकाबले इस महीने नीचे है. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अध्ययन की ओर साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक ओजोन 23 अप्रैल 2015 को आठ घंटा औसत तकरीबन 100 पार्ट्स प्रति बिलियन रहा था जबकि इस साल यह अब तक 80 पीपीबी रहा है. दरअसल में ओजोन की मात्रा में ऑड-इवन के पहले तीन दिनों में तेज गिरावट आई लेकिन इसके बाद यह बढ़ने लगा हालांकि पिछले साल के स्तर तक नहीं बढ़ा.