
दिल्ली सरकार ने हाल ही में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट बनवाने का चार्ज बढ़ा दिया था. इसे लेकर पेट्रोल डीलरों और सरकार के बीच खींचतान चल रही है. पेट्रोल डीलर्स तीन दिन से हड़ताल कर रहे हैं. लेकिन तब तक विवाद का कोई हल नहीं निकला है. सरकार ने भले ही रेट बढ़ा दिए हों, लेकिन डीलर्स को ये बढ़ोत्तरी नाकाफी लगती है. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि मिनिस्टर के साथ मीटिंग में बढ़े हुए नाकाफी रेट का डिस्कशन होगा.
अजय बंसल ने बताया कि 13 साल बाद ये बढ़ोतरी सिर्फ 20 रुपये से 40 रुपये तक है. जबकि केंद्रों को चलाने में लागत बढ़ती जा रही है. एसोसिएशन ने दावा है कि केंद्र के कर्मी स्किल्ड लेबर में आते हैं, जिनका वेतन 2011 से तीन गुना बढ़ गया है.
वहीं, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने X पर कहा कि दिल्ली में पेट्रोल पंपों के अलावा करीब 300 अन्य स्थानों पर सरकार द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जहां नियमित रूप से वाहनों के प्रदूषण की जांच हो रही है.
ये है गतिरोध की बड़ी वजह
पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी (जैव ईंधन सहित) दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के प्रदूषण की जांच का शुल्क 60 से 80 रुपये किए गया है. पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी (जैव-ईंधन सहित) चार पहिया वाहनों और उससे ऊपर की श्रेणियों के लिए 110 रुपये किया गया है. डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए रेट 140 रुपये किए गए हैं. मौजूदा समय में राजधानी में 400 से अधिक पेट्रोल पंपों पर 644 पीयूसी केंद्र हैं. इन जगहों पर रोजाना औसतन 12 हजार से अधिक वाहनों की प्रदूषण जांच होती है. नई दर के अनुसार दो पहिया और तीन पहिया वाहन का 80 रुपये, चार पहिया वाहन का 110 रुपये जबकि डीजल वाहनों का 140 रुपये शुल्क तय किया गया है, लेकिन पेट्रोल पंप संचालक इस बढ़ोतरी से खुश नहीं हैं. उनकी मांग है कि इसे क्रमश: 150, 200 व 300 रुपये प्रति वाहन किया जाए.
दिल्ली में रोजाना बनते हैं 12 हजार सर्टिफिकेट
दिल्ली में रोजाना एक पेट्रोल पंप पर करीब 25 से 30 पीयूसी सर्टिफिकेट जारी होते हैं और प्रतिदिन करीब 12000 सर्टिफिकेट बनते हैं, ज्यादातर लोग पेट्रोल पंपों पर मौजूद पीयूसी केंद्रों से ही सर्टिफिकेट लेते हैं, लेकिन लगातार तीन दिनों तक डीलर्स की हड़ताल होने से हजारों वाहन बिना वैध पीयूसी चल रहे हैं.