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देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के रेट को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. ऐसे में कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि मई 2014 से आज तक पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा कर 21.50 लाख करोड़ की लूट की गई है. इतना नहीं कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी को ‘भयंकर जनलूट पार्टी’ का नाम दिया है.
मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 11 दिन से लगातार देश में पेट्रोल- डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. एक मई 2019 के बाद आज तक पेट्रोल की कीमतें 15.21 रुपए प्रति लीटर व डीजल की कीमतें 15.33 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई जा चुकी हैं. केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार दोनों हाथों से देश की जनता की जेब लूट रही है. उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रही है. एक तरफ चौतरफा महंगाई की मार है और दूसरी तरफ डीजल-पेट्रोल-गैस के दामों की भरमार है. देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपए और डीजल 90 रुपए पार हो गया है. दिल्ली में भी पेट्रोल की कीमत 90 रुपए और डीजल की कीमत 80 रुपए से अधिक हो गई है.
कांग्रेस पर मढ़ रहे दोष
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि शर्मनाक बात यह है कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा खुली लूट करने के बावजूद भाजपा सरकार इसका दोष भी कांग्रेस पर मढ़ कर अपना पीछा छुड़ाना चाहती है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने जो पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा कर 21.50 लाख करोड़ की लूट की बात कही है, उसके आंकड़े भी पांच बिदुंओं में समझाए.
कांग्रेस नेताओं ने दिये ये आंकड़ें
1. 26 मई, 2014 को कच्चे तेल की कीमत थी, 108.05 डॉलर प्रति बैरल. वहीं 19 फरवरी, 2021 को कच्चे तेल की कीमत है, 63.65 डॉलर प्रति बैरल. इसके बावजूद मई, 2014 में पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपए प्रति लीटर थी, जो आज बढ़कर 90.19 रुपए प्रति लीटर हो गई है, यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई, पर पेट्रोल की कीमत 26 प्रतिशत बढ़ गई है. इसी प्रकार मई 2014 में डीजल की कीमत 57.28 रुपए प्रति लीटर थी, जो आज बढ़कर 80.60 रुपए प्रति लीटर हो गई है. यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई, पर फिर भी डीजल की कीमत 40.7 प्रतिशत बढ़ गई है.
2. आज यानि 19 फरवरी, 2021 को कच्चे तेल की कीमत के आधार पर देश में पेट्रोल की कीमत 32.72 रुपए तथा डीजल की कीमत 33.46 रुपए होनी चाहिए. इंडियन ऑयल का चार्ट इसका सबूत है. फिर मोदी सरकार 32 रुपए प्रति लीटर का पेट्रोल, 90 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है? उसी प्रकार मोदी सरकार 34 रुपए प्रति लीटर का डीजल 80 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है?
3. मई, 2014 से जनवरी, 2021 तक की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर जनता की जेब से 21 लाख, 50 हजार करोड़ कमाए हैं. अकेले साल 2020–21 में पेट्रोल- डीजल पर भारत सरकार ने टैक्स लगाकर 3,46,100 करोड़ रुपए कमाए. ये पैसा कहां गया?
4. मोदी सरकार के कार्यकाल में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 53,66,000 मीट्रिक टन गिर गया है. कांग्रेस-यूपीए I व II के कार्यकाल में घरेलू कच्चे तेल का उत्पाद देश के कुल कच्चे तेल की खपत का 23.4 प्रतिशत था. मोदी सरकार के 6 सालों में यानि, साल 2014 से 2020 के बीच घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन कम होकर 15.8 प्रतिशत हो गया है. सच्चाई यह है कि घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन साल 2020 में पिछले 18 साल में सबसे निचले पायदान पर है. क्या मोदी सरकार इसका कारण बताएगी?
5. प्रधानमंत्री मोदी बातें तो बहुत करते हैं, पर सच कभी नहीं बोलते. सच्चाई यह है कि कच्चे तेल का घरेलू उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी ONGC का बजट ही मोदी सरकार ने काट दिया है. साल 2020-21 में ONGC का बजट 32,501 करोड़ रुपए था, इस साल कम करके 29,800 करोड़ रुपए कर दिया है. यही नहीं गुजरात की डूबी हुई कंपनी ‘गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन- GSPC’ को जबरन ONGC को बेचकर ONGC को इस बात के लिए मजबूर किया गया कि वह 24,881 करोड़ रुपए का कर्जा ले. ONGC का कच्चे तेल की खोज का बजट भी साल 2014 में 11,687 करोड़ रुपए था, जो साल 2020 में घटकर 4,330 करोड़ रुपए हो गया है.
जेडीयू नेता ने दिया ये बयान
वहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते रेट को लेकर जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि हम एनडीए में गठबंधन सहयोगी दल हैं. जिस तरह से पेट्रोल की कीमत बढ़ रही है, उस पर हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि इस पर नियंत्रण करना चाहिए. यूपीए सरकार में हमने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर दो बार भारत बंद किया था. उन्होंने कहा कि बाजार के हाथ में जब फैसले जाते हैं, तो इस तरह की समस्या आती है. वहीं VAT घटाने की शुरुआत बड़े प्रदेशों से होना चाहिए, क्योंकि बिहार तो एक गरीब प्रदेश है. बिहार पर तो वैसे ही कई तरह के आर्थिक बोझ हैं.