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विपश्यना के बाद विवाद: केजरीवाल के लिए चुनौती भरे चुनावी साल की शुरुआत

इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी कुछ इसी तरह चूहे बिल्ली के खेल सरीखे होने वाले हैं. बीजेपी ,अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगाएगी ये रणनीति तो अब बिल्कुल साफ दिखाई देती है.

दिल्ली इस हफ्ते दिल्ली इस हफ्ते
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

दिल्ली की सियासत 2024 की शुरुआत से ही गर्माने लगी है. केजरीवाल साल के आखिरी दिनों में विपाश्यना से लौटे, तो एक ईडी का एक समन उनका इंतज़ार कर रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने 3 जनवरी को पेश होने के लिए कहा, लेकिन केजरीवाल नहीं गए. एक तरफ केजरीवाल ने मना कर दिया कि वो तब तक ईडी की जांच में शामिल नहीं होंगे जबतक एजेंसी उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं देती तो दूसरी तरफ रात होते-होते सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के नेताओं अगले सुबह अरविंद केजरीवाल के घर पर छापेमारी की ख़बर चला दी. छापेमारी तो हुई नहीं सुबह दूसरी ख़बर आ गई कि कैसे दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में जांच के नाम पर घोटाला हुआ है और मामले की जांच सीबीआई करे ये अनुशंसा उपराज्यपाल ने कर दी है.

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इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी कुछ इसी तरह चूहे बिल्ली के खेल सरीखे होने वाले हैं. बीजेपी ,अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगाएगी ये रणनीति तो अब बिल्कुल साफ दिखाई देती है. लेकिन साथ ही, आम आदमी पार्टी भी जानती है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गिरप्तारी जैसी कार्रवाई हुई तो उससे सियासी सिम्पैथी उसे भी मिलेगी और इसलिए जांच एजेंसियों के लिए चुनाव के बेहद करीब आकर ऐसा करना मुमकिन शायद ना हो. दिल्ली का उपराज्यपाल सचिवालय भी लगातार सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने का काम कर रहा है और अब तक आधा दर्जन से भी ज्यादा मामले ऐसे हैं जिन पर सीबीआई जांच या तो चल रही है या फिर उसकी अनुशंसा कर दी गई है. ऐसे ही नकली दवाओं के एक मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को जांच शुरु कर दी जिसका खुलासा दो हफ्ते पहले ही दिल्ली के विजिलेंस विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था. बात सिर्फ नकली दवाओं तक ही नहीं है बल्कि अब तो नकली नाम और फोन नंबर दर्ज करवा कर मोहल्लै क्लीनिक में हो रहे हज़ारों जांच का मामला भी सीबीआई को सुपुर्द करने की तैयारी है. 

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इसी बीच दिल्ली में राज्यसभा चुनाव भी होने हैं जिसके उम्मीदवारों की घोषणा आम आदमी पार्टी ने कर दी. दिल्ली से राज्यसभा में तीन सांसद होते हैं, इन तीनों का चुनाव इसी महीने होना है. आम आदमी पार्टी ने दो मौजूदा सांसदों संजय सिंह और एन डी गुप्ता को दोबारा राज्यसभा भेजने का फैसला किया है तो सुशील गुप्ता की जगह अब स्वाति मालीवाल राज्यसभा जाएंगी. सुशील गुप्ता को हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है जहां लोकसभा चुनावों के अलावा इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं. स्वाति मालीवाल के लिए ये चुनावी राजनीति में पहला कदम है. इससे पहले भी स्वाति आम आदमी पार्टी की सियासी गतिविधियों में भी सक्रिय नहीं रहीं थीं इसलिए लोकसभा चुनावों से ठीक पहले स्वाति मालीवाल का एक्टिव सियासत में कदम रखना भी आम आदमी पार्टी की अंदरूनी राजनीति में बदलाव के संकेत हो सकते हैं खास तौर पर उस समय जिस समय केजरीवाल खुद जांच के दायरे में हैं और उनपर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है.

इस बीच, बीजेपी में भी कयासों का दौर गर्म है कि आखिरकार दिल्ली के सातों सांसदों में से कितनों को लोकसभा चुनाव में टिकट मिलेगा और कितनों को नहीं. बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को हुई तो उसमें युवाओं को जोड़ने से लेकर राम मंदिर में होने वाली प्रण प्रतिष्ठा के दौरान होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई. लेकिन इस मीटिंग में सांसदों को नहीं बुलाया गया यानि हो सकता है कि पार्टी मौजूदा एमपी में से सभी के नहीं तो कुछ के टिकट काटने पर विचार तो कर ही रही है.

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इसी हफ्ते कांग्रेस की गठबंधन पर बनी कमेटी ने भी दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष को आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बुलाया. 2019 के चुनावों में कांग्रेस 7 में से 5 सीटों पर नंबर दो रही थी, जबकि आम आदमी पार्टी महज दो सीटों पर नंबर दो आई थी. इस हिसाब से दिल्ली में कांग्रेस आम आदमी पार्टी की तुलना में ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वो 5 सीटें मांगेंगे और 4 से कम सीटों पर लड़ना मंजूर नहीं होगा. गठबंधन की संभावना दिल्ली में बन तो रही है लेकिन तय ये होना है कि 4 सीटें कौन सी पार्टी लड़ती है और 3 सीटें कौन?

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