
Delhi Corona Updates: दिल्ली में कोरोना केसों में लगातार कमी आ रही है. पिछले 24 घंटे में यहां कोरोना के 1141 नए मामले और 139 मौतें दर्ज की गईं. 24 घंटे में दिल्ली में 2799 मरीज डिस्चार्ज भी हुए. इसके अलावा दिल्ली में 24 घंटे में 139 की मौत से कोरोना से मौत का कुल आंकड़ा 23,951 हो गया है. वहीं, दिल्ली में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 14,581 हो गई है.
देश की राजधानी में कोरोना से रिकवरी दर बढ़कर 97.29 फीसदी हुई. 30 मार्च के बाद से ये सबसे ज्यादा, है. 30 मार्च को रिकवरी दर 97.2 फीसदी थी. ऐसे में पिछले 24 घंटे में 2799 मरीज ठीक हुए हैं. जिसके बाद अब तक 13,85,158 मरीज ठीक हो चुके हैं.
उधर, दिल्ली में कोरोना केस का कुल आंकड़ा 14,23,690 हो गया है. इसके अलावा दिल्ली में पिछले 24 घंटों में हुए टेस्ट की संख्या की तरफ नजर डालें तो यह 71,853 है. वहीं दिल्ली में अब तक हुए कुल टेस्ट 1,90,81,127 हो चुके हैं.
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लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया
कोरोना के घटते मामलों के बीच राजधानी में लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बड़ी मेहनत से कोरोना को काबू में किया गया है, लेकिन अभी पूरी लड़ाई जीती नहीं है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली में लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोलेंगे, सबसे पहले उन लोगों का ध्यान रखना है जो समाज का सबसे गरीब तबका है, मजदूर हैं, प्रवासी हैं, आज फैसला लिया गया कि सोमवार से कंस्ट्रक्शन और फैक्ट्रियों की गतिविधियों को खोला जाएगा, अगले एक हफ्ते के लिए यह दोनों सेक्टर खुले रहेंगे.'
व्यापारियों को बहुत निराशा हुईः कैट
करीब डेढ़ महीने से लॉक पड़ी दिल्ली को अनलॉक प्रक्रिया में केवल निर्माण गतिविधियों तथा फैक्टरियों को ही खोले जाने के निर्णय से दिल्ली के व्यापारियों को बहुत निराशा हुई है.
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि निश्चित रूप से दिल्ली में कोरोना को और अधिक न बढ़ने देना केवल सरकार की ही नहीं बल्कि व्यापारियों की भी प्राथमिकता है, लेकिन बाजारों को न खोले जाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता.
खंडेलवाल ने कहा की जिन प्रवासी मजदूरों के लिए ये दोनों गतिविधियां खोली गई हैं, उनसे कहीं ज्यादा मात्रा में व्यापारियों के यहां प्रवासी लोग काम करते हैं. दिल्ली के लगभग 15 लाख छोटे-बड़े व्यापारी लगभग 35 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं. क्या व्यापारियों के यहां काम करने वाले कर्मचारी मुख्यमंत्री केजरीवाल के मापदंडों में नहीं आते.
उन्होंने यह भी कहा कि जो फैक्ट्रियां माल बनाएंगी वो बेचेंगी कहां? उनके द्वारा बनाए गए माल को व्यापारियों के माध्यम से ही बेचा जाता है. वहीं निर्माण गतिविधियों एवं फैक्ट्रियों में उत्पादन के लिए बिल्डिंग मटेरियल, बिल्डर हार्डवेयर, मशीनरी, टूल्स, स्पेयर पार्ट्स आदि की लगातार आवश्यकता होती है जबकि इस प्रकार का सामान बेचने वाली सभी दुकानें सरकार के लॉकडाउन आदेश के कारण बंद रहेंगी. ऐसे में निर्माण गतिविधियों एवं फैक्ट्रियों को खोलने का मूल औचित्य ही पूरा नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के व्यापारी संगठनों से व्यापक बातचीत करने के बाद एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें कोविड के सभी सुरक्षा उपायों के अनिवार्य उपयोग के साथ आगामी 31 मई अथवा 1 जून से दिल्ली में बाजार खोले जाएं.