
दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों और इलाज के लिए डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. एक आदेश के मुताबिक कोरोना महामारी के मद्देनजर, रेजिडेंट डॉक्टर्स की किल्लत को ध्यान में रखते हुए रेजिडेंट डॉक्टर्स का कार्यकाल बढ़ाने या इनको मंजूर रिक्त पदों पर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के तहत आने वाले सभी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों को यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है. दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सभी अस्पतालों और मेडिकल इंस्टीट्यूट्स के एमएस, एमडी, डीन या डायरेक्टर्स को कहा गया है कि वे अपने यहां काम कर रहे उन सभी सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाएं, जो अगले कुछ दिनों में अपने तीन साल और एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.
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इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स को ऐसे मंजूर रिक्त पद पर नए डॉक्टर न मिलने की स्थिति में, सीनियर रेजिडेंट या जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर को नियुक्त करें जो अपना रेसिडेंसी टेन्योर पूरा कर चुके हों.
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मुंबई से आगे निकल गया दिल्ली
आपको बता दें कि गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में कोरोना के मामले बढ़कर 4,73,000 के करीब पहुंच चुके हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर दिल्ली ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया है. दिल्ली में अब करीब 70000 मामले हैं जबकि मुंबई में क़रीब 69 हजार केस हैं. बुधवार को दिल्ली में कोरोना के करीब 3700 नए मामले सामने आए जबकि मुंबई में करीब 1100 ही केस दर्ज किए गए.
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