
दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन और दवाओं का स्टॉक करने को लेकर ड्रग कंट्रोलर को तीन नेताओं के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है. इसमें बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर और आम आदमी पार्टी के दो विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार शामिल हैं. कोर्ट ने कहा है कि जांच करके बताएं कि किस धारा के तहत किस पर क्या मामला चलाया जा सकता है.
आरोप है कि बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कोरोना से संबंधित दवाइयां अपने संसदीय इलाके के लोगों में बांटी. कोर्ट ने कहा कि भले ही उन्होंने लोगों की मदद के लिए किया हो लेकिन इस तरह दवाओं की होर्डिंग गैर कानूनी है. आप विधायत प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर्स की होर्डिंग अपने घर में की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इस बात की जांच होनी चाहिए कि दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर जब बाजार में आम लोगों के लिए मौजूद नहीं थे तो नेताओं के पास इतनी बड़ी संख्या में यह चीजें कैसे मौजूद थी. हाई कोर्ट ने ये आदेश उन याचिकाओं पर किया है, जिसमें गौतम गंभीर समेत कई नेताओं पर जांच की मांग की गई है.
इस याचिका में दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर की होर्डिंग करके सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्रों के लोगों को बांटने पर ऐतराज जताते हुए नेताओं पर मुकदमा चलाने की मांग की गई है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इस बात की जांच होनी चाहिए कि दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर जब बाजार में आम लोगों के लिए मौजूद नहीं थे तो इनके पास कैसे थे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में 1 हफ्ते के भीतर ड्रग कंट्रोलर को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई को दोबारा करेगा. कोर्ट ने कहा कि नेता इस मामले में दोषी हैं या नहीं, हम फिलहाल इसमें नहीं जा रहे हैं बल्कि हम यह जानना चाहते हैं कि नेताओं ने फेवी फ्लू दवाई से लेकर ऑक्सीजन के सिलेंडर तक कहां से हासिल की.