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केंद्र से दिल्ली मेट्रो चलाने की अपील, कैलाश गहलोत बोले- बैलेंस बनाकर चलना पड़ेगा

कैलाश गहलोत ने बताया कि मेट्रो में भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना पड़ेगा, लेकिन मेट्रो की शुरुआत होने के बाद लोगों को ज्यादा सुविधाजनक तरीके से यातायात की सुविधा मिल पाएगी.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

  • कोरोना के कारण रेड जोन में दिल्ली
  • केंद्र से की गई मेट्रो चलाने की अपील

देश में कोरोना वायरस के संकट के कारण लॉकडाउन लागू है. देश की राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस के खतरे के कारण रेड जोन में है. हालांकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में परिवहन, उद्योगों को मंजूरी दे दी है लेकिन मेट्रो चलाने की केंद्र से अपील करनी पड़ रही है.

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दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, 'लॉकडाउन 4.0 के बाद काफी चीजों में छूट दी गई है. दफ्तर शुरू हो गए हैं. ट्रेनें भी चल रहीं हैं. लोगों को दिल्ली में सार्वजनिक यातायात भी चाहिए ताकि वे अपने दफ्तर के लिए, अपने व्यापार के लिए सही समय पर बिना किसी परेशानी और सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए पहुंच सकें.'

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उन्होंने कहा कि ट्रेन, प्लेन शुरू हो चुके हैं. डीटीसी और क्लस्टर की बसें शुरू हो चुकीं हैं. इसलिए हमें लगता है कि मेट्रो भी शुरू कर दी जानी चाहिए ताकि लोगों को सुविधा मिले. जितनी ज्यादा सार्वजनिक यातायात की सुविधा होगी, उतने अच्छे से सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन किया जा सकेगा.

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उन्होंने कहा, 'अब हर दिन ज्यादा से ज्यादा संख्या में डिपो से बसें निकल रहीं हैं. बहुत-सी बसें प्रवासी मजदूरों को स्टेशन तक पहुंचाने में लगी हुईं हैं, लेकिन हमें अभी ध्यान में रखना है कि जिस बस में 50-60 लोग जाते थे, उसमें आज केवल 20 लोग जा पा रहे हैं क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा रही है. डीटीसी की करीब 6500 बसों में से लगभग 4500 बसें सड़कों पर हैं.'

कैलाश गहलोत ने बताया कि मेट्रो में भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना पड़ेगा, लेकिन मेट्रो की शुरुआत होने के बाद लोगों को ज्यादा सुविधाजनक तरीके से यातायात की सुविधा मिल पाएगी. मेट्रो शुरू करने से रिस्क बढ़ने को लेकर उन्होंने बताया कि रिस्क तो हर चीज में है, लेकिन अगर हम यह सोचें कि कोरोना खत्म हो जाएगा, तभी हम बाहर निकलेंगे, यह ठीक नहीं है.

बैलेंस बनाकर चलना पड़ेगा

कैलाश गहलोत का कहना है, 'कहीं न कहीं बैलेंस बनाकर चलना पड़ेगा. हमें जिंदगी, व्यापार, नौकरी और कोरोना सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा. हमें कोरोना के साथ में रहने की आदत डालनी पड़ेगी. मेट्रो चलाने के लिए केंद्र सरकार से हमने अपील की है. उधर से जैसे अनुमति मिलती है, उसके बाद हमें 2 दिन का समय चाहिए होगा. पूरी व्यवस्था ठीक करने के लिए, सैनिटाइज करने के लिए, उसके बाद में मेट्रो चला सकेंगे.'

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