
दिल्ली में कोरोना के पहले मरीज की घोषणा पिछले साल 2 मार्च को आधिकारिक तौर पर हुई थी. पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले 46 साल के रोहित दत्ता पहले शख्स थे जिन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था. उन्होंने पिछले एक साल के अनुभव को याद करते हुए 'आजतक' से खास बातचीत की.
रोहित दत्ता ने अस्पताल में गुजरे 15 दिनों को जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे 2 मार्च की सुबह सबसे पहले करीब 9 बजे पता चला कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं. सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने मुझे आइसोलेशन रूम में आकर जानकारी दी थी. ऐसे समय में परिस्थिति समझ नहीं आती है. जब डॉक्टर्स ने बताया तो दिमाग के सामने सब कुछ ब्लैंक सा हो गया था.'
कोरोना संक्रमित होने की घटना को याद करते हुए रोहित दत्ता ने कहा, 'मैं डॉक्टर्स के चेहरों को पीपीई किट पहने होने की वजह से देख नहीं पा रहा था, लेकिन उन्होंने मुझे बहुत भरोसा दिया. डॉक्टर्स ने कहा कि भले कुछ दिन ज्यादा बीत जाएं लेकिन हमारा आपको वादा है कि आपको ठीक करके घर भेज देंगे. डॉक्टर्स ने तब मुझे बताया कि ये एक वायरस है जो कुछ ज्यादा दिन तक रहता है. डॉक्टर्स ने मुझे काफी सकारात्मक तरीके से समझाया और मेरा हौसला बढ़ाने में कोई कमी नही छोड़ी.'
25 फरवरी को यूरोप से दिल्ली आयाः रोहित
कैसे कोरोना से संक्रमित हुए इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं 25 फरवरी को यूरोप से दिल्ली पहुंचा था. जब घर पहुंचा तो मुझे बुखार हो चुका था. अक्सर मुझे बुखार होता नहीं है लेकिन जब नजदीकी डॉक्टर से चेकअप कराया तो मेरा गला भी खराब था, तब एंटी-बायोटिक खाने की सलाह दी गई थी और फिर मैं 27 फरवरी को ठीक भी हो गया.'
उन्होंने कहा, '28 तारीख की रात को मुझे दोबारा फीवर हो गया तो डॉक्टर ने मुझे 29 फरवरी की सुबह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना टेस्ट के लिए रेफर कर दिया. मुझमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे थे तो RML अस्पताल के डॉक्टर्स की सलाह पर मुझे भर्ती कर लिया गया. 1 मार्च 2020 की रात को डॉक्टर्स को मेरे कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिल गई थी, मुझे उसी रात को RML अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया और फिर 2 मार्च की सुबह 9 बजे सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर्स ने मुझे कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की.'
आगे रोहित दत्ता ने बताया कि वो 14 मार्च की शाम को कोरोना से ठीक होकर जब घर पहुंचे तो काफी भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा कि घर पहुंचने के बाद भी 14 दिन का होम आइसोलेशन नियम का पालन करना था तो एक-दूसरे से मिल नहीं सकते थे. सब एक-दूसरे को देख रहे थे लेकिन मिल नहीं पा रहे थे. दुखद समय था कि सामने होते हुए भी एक-दूसरे से गले नहीं मिल पा रहे थे. लेकिन सब आसपास थे तो खुशी हो रही थी और महसूस हुआ कि दुख का समय खत्म हो गया है.
मैं अब हर रोज पूजा करूंगाः रोहित
कोरोना से ठीक होने के बाद लॉकडाउन के अनुभव को साझा करते हुए रोहित दत्ता ने कहा, 'मैं टेक्निकल टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग का काम करता हूं. एक बिजनेसमैन हूं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी के बिजनेस बंद हो गए. हालांकि फिर टेंशन फ्री जिंदगी का एहसास भी हुआ. परिवार के साथ लंबा समय बिताने का मौका भी मिला. 5 जुलाई को घर वालों और दोस्तों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का प्लान करते हुए जन्मदिन भी मनाया था, जो जिंदगी भर याद रहेगा. कोरोना के बाद हर दिन जिंदगी के नए मायने मिल गए. बचपन के बाद पहली बार बच्चों के साथ बैडमिंटन खेलने का मौका भी मिला.'
रोहित दत्ता वैक्सीनेशन को लेकर काफी उत्साहित हैं. उन्होंने वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए बताया कि वैक्सीन लॉन्च होने के बाद से बेसब्री से अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब भी नंबर आएगा सबसे पहले वैक्सीन लगवाने जाऊंगा. इसके अलावा घर पर माताजी और परिवार के अन्य सीनियर सिटीजन को वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा दिया है.
रोहित दत्ता ने बताया कि यूरोप से लौटने के बाद उनके घर पर कोई भी सदस्य कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ. इसके अलावा उन्होंने बताया कि जब वो सफदरजंग अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती थे तब उन्हें जूस पीने का खूब मन होता था. रोहित दत्ता ने कहा कि खाने को लेकर कोई पाबंदी नही थी, अस्पताल में मरीज के लिए आने वाला सामान्य, साफ और स्वादिष्ट भोजन मिलता था. मैंने एक दिन डॉक्टर्स को कहा कि मुझे जूस पीने का मन कर रहा है. तब डॉक्टर ने अपनी जेब से खर्च करके 500 एमएल के दो जूस के डिब्बे मेरे रूम में रखवा दिए थे. सरकारी अस्पताल में इस तरह की सुविधाओं से काफी खुश था.
दिल्ली के पहले कोरोना मरीज रोहित दत्ता से जब पूछा गया कि वो आगे अपनी लाइफ में ऐसे कौन से काम है जो जरूर करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, 'मैं अब भगवान की पूजा रोज किया करूंगा हालांकि मैं नास्तिक नहीं था. साथ ही बुरे समय के लिए सेविंग करूंगा. बड़े बुजुर्ग हमेशा सेविंग करने की सलाह देते थे लेकिन हम सेविंग करते नहीं थे. इसलिए आगे किसी भी परिस्थिति के लिए सेविंग जरूर करूंगा. इसके अलावा समाज सेवा का काम भी शुरू करने जा रहा हूं.'