कोरोनाः दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया- निजी अस्पतालों के 25% ICU बेड रिजर्व करने को तैयार

दिल्ली सरकार की तरफ से पिछले साल सितंबर में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश था. इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल हेल्थ केयर प्रोवाइडर एसोसिएशन की तरफ से चुनौती दी गई.

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दिल्ली में तेजी से कम हो रहे कोरोना संक्रमण के मामले (सांकेतिक-पीटीआई) दिल्ली में तेजी से कम हो रहे कोरोना संक्रमण के मामले (सांकेतिक-पीटीआई)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST
  • हाईकोर्ट में अब 2 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
  • प्राइवेट हॉस्पिटल हेल्थ केयर प्रोवाइडर की है याचिका
  • त्योहार की वजह से बेड रिजर्व करने का आदेश

कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली के 33 प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड रिजर्व करने से जुड़ी याचिका पर आज मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बेड की संख्या 40% से घटाकर 25% करने का फैसला लिया है.

असल में, कोर्ट में सरकारी अस्पतालों में बेड खाली होने के बावजूद निजी अस्पतालों के आईसीयू बेड रिजर्व किए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई है. 

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दिल्ली सरकार के इस रुख के बाद याचिका लगाने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल हेल्थ केयर प्रोवाइडर एसोसिएशन ने इस पर जवाब देने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फिलहाल अगली सुनवाई के लिए 2 फरवरी की तारीख तय कर दी है.

दिल्ली सरकार की तरफ से पिछले साल सितंबर में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश था. इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल हेल्थ केयर प्रोवाइडर एसोसिएशन की तरफ से चुनौती दी गई.

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दिसंबर में हाईकोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया जिसमें एम्स के डायरेक्टर की राय भी ली गई. इस कमेटी ने कहा कि फिलहाल 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी बेड रिजर्व करना काफी है. 12 जनवरी को दिल्ली सरकार ने 40 फीसदी और आज 25 फीसदी प्राइवेट अस्पतालों के बेड रिजर्व करने की बात कही है.

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निजी अस्पतालों को कुछ नहीं मिल रहा

पिछली हुई कई सुनवाई के दौरान अस्पतालों की तरफ से याचिका लगाने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल हेल्थ केयर एसोसिएशन का कहना था कि सरकार सरकारी अस्पतालों में बेड खाली होने के बावजूद प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू बेड क्यों घेरना चाहती है. जबकि आर्थिक रूप से दिल्ली सरकार प्राइवेट अस्पतालों के बेड को रिजर्व करने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को कुछ दे भी नहीं रही है.

अगली सुनवाई में मुमकिन है कि याचिकाकर्ता लगातार कम हो रहे कोरोना के मरीजों की संख्या को लेकर अपना आंकड़ा पेश करें.

दिल्ली में कम हो रहे कोरोना केस
इससे पहले, हाईकोर्ट में 12 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन आने वाले त्योहारों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि हम अभी भी ग्रे एरिया में हैं.

फिलहाल नया साल, लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे त्यौहार भी निकल चुके हैं. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 161 नए कोरोना मामले सामने आए हैं जो पिछले साल 30 अप्रैल के बाद ये सबसे कम नए मामले सामने आने का रिकॉर्ड है. फिलहाल दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस 2,335 हैं और पिछले 24 घंटों में करीब 50 हजार टेस्ट हुए हैं, जबकि इस दौरान 8 लोगों की मौत हुई.

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