
दिल्ली में कोरोना वैक्सीन को लेकर दिल्ली सरकार और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में चल रही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में कांग्रेस ने भी दोनों पार्टियों पर हमला करना शुरू कर दिया है. दिल्ली कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जब वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी तब पूरी दिल्ली को वैक्सीनेट करने का दावा आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से किया गया था लेकिन अब तक केवल 5 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है.
कांग्रेस ने कहा कि अभी एक महीना भी नहीं हो पाया, दिल्ली में तकरीबन 400 वैक्सिनेशन सेंटर बंद कर दिए गए. लोग वैक्सीन लगवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन लेकिन उनको वैक्सीन नहीं मिल रही है. प्राइवेट अस्पतालों में आज भी वैक्सीन मौजूद है, जिसकी कीमत 950 से 1250 रुपये तक है, जिसे लोग लगवा रहे हैं.
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के काम धंधे बंद हो चुके हैं. अस्पतालों में इलाज कराने गए तो निजी अस्पतालों ने लाखों रुपए के बिल बना दिया. ऐसी स्थिति में आकर लोगों को वैक्सीन भी खरीद कर लगवानी पड़ रही है. लोगों पर बोझ बढ़ रहा है.
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कांग्रेस ने यह भी कहा कि एक परिवार में अगर 4 सदस्य हैं और हर सदस्य को, अगर प्राइवेट अस्ताल में वैक्सीन लगवानी हो तो उसे 4 से 5 हजार का खर्च महामारी के दौर में भी उठाना पड़ेगा. लोग निजी अस्पतालों में नहीं, सरकार से फ्री वैक्सीन चाहते हैं.
AAP पर वैक्सीन को लेकर बरसी कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस मुखिया ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने के लिए मजूबर किया जा रहा है. कांग्रेस की मांग है दिल्ली वालों को फ्री वैक्सीन दी जाए, साथ में प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन का कोटा वापस ले कर अपने सेंटरों को शुरू करें, जिससे लोग वैक्सीनेट हो सकें.
'सरकार कर रही लोगों की जान से खिलवाड़'
कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली में लगभग 14 लाख कोरोना मरीज हैं, 23,409 लोग कोरोना संक्रमण की वजह से जान गंवा चुके हैं. दिल्ली में जो काम मेडिकल क्षेत्र में होना चाहिए था वो नहीं हुआ. राष्ट्रीय राजधानी में अबतक सिर्फ 5 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगी है. दिल्ली में लगभग ढाई करोड़ वैक्सीन की जरूरत है. 1 मई से जब वैक्सीनेशन 18 साल से ऊपर के लोगों का शुरू हुआ था, अब उनकी दूसरी डोज का वक्त आ रहा है. अगर समय रहते उनको वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं दी गई तो पहला डोज भी बेसअर हो जाएगा. ऐसे में सरकार इन तमाम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है.
'वैक्सीन के लिए भटक रहे लोग'
कांग्रेस का कहना कि वैक्सीन कार्यक्रम के अनुसार 25 फीसदी वैक्सीन राज्य सरकार को खरीदनी है. 50 फीसदी वैक्सीन केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी और 25 फीसदी निजी अस्पतालों को मिलेंगी. दिल्ली सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए,यही वजह है जिसके कारण तमाम सेंटर बंद पड़े हैं और लोगों को मजबूरन प्राइवेट हॉस्पिटलों का रुख करना पड़ रहा है.
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