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Corona: दिल्ली सरकार को HC का आदेश- राशन पॉलिसी को जल्द अंतिम रूप दिया जाए

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि कोविड महामारी के दौरान गरीब, महिलाएं और दिव्यांग बच्चों को राशन उपलब्ध कराने की मुहिम को तेज करे, जिससे खाने के अभाव में कोई भूखा न सोना पाए. दिल्ली सरकार ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

दिल्ली में बिना पहचान पत्र राशन उपलब्ध कराने पर सरकार का होगा जोर (तस्वीर-PTI) दिल्ली में बिना पहचान पत्र राशन उपलब्ध कराने पर सरकार का होगा जोर (तस्वीर-PTI)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST
  • राशन पर दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
  • दिल्ली सरकार, उपभोक्ता मंत्रालय को नोटिस
  • बिना पहचान पत्र राशन उपलब्ध कराने की मांग

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान गरीब, निराश्रित महिलाएं और दिव्यांग बच्चों के लिए राशन उपलब्ध कराने की पॉलिसी को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए, जिससे भोजन के अभाव में महामारी के वक्त कोई भूखा ना रहे. 

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार राशन और भोजन उपलब्ध कराने की सरकार की नीति पर काम जल्द पूरा करके उसे जल्द ही अंतिम रूप दे देगी. गरीबों को राशन और खाना देने से जुड़े इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा है.

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दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से पूछा कि आप क्या चाहते हैं कि गरीब लोग क्या करें? खाने के लिए भीख मांगे? जिस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि महामारी के दौरान गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी भर में करीब 240 केंद्र खोले जाएंगे. साथ ही राशन बिना किसी पहचान पत्र के उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे सबको राशन मिल सके.

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कोरोना काल में गरीब तबके पर पड़ी मार

दरअसल, कोर्ट का मानना था कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन जैसी स्थितियों की वजह से गरीब तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. ऐसे में निराश्रित गरीब लोगों, बेसहारा महिलाओं और दिव्यांग बच्चों के पास भोजन पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि जुलाई में जब हम इस मामले की अगली सुनवाई करेंगे तो उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार नीति को अंतिम रूप देने के लिए तेजी से कदम उठाएगी. कोर्ट ने कहा कि इस कदम से गरीब लोग, बेसहारा महिलाएं एवं दिव्यांग बच्चे भोजन के अभाव में भूखे न रहें.

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7 परिवारों की ओर से दाखिल की गई याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से टिप्पणी उस याचिका पर आई है, जिसे सात परिवारों की ओर से दाखिल किया गया है. कोरोना महामारी के चलते इस परिवार ने या तो आजीविका अर्जित करने वाले सदस्य खो दिए या महामारी की वजह से उनकी नौकरी चली गई. लिहाजा अब इन परिवारों के पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है. इस परिवार ने कोर्ट में गुहार लगाई है कि बिना राशन कार्ड के भी राशन सुविधाएं दिलवाई जाए. 

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