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दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर से लड़ेंगे 'युवा हेल्थ असिस्टेंट', अस्पतालों में जारी है खास ट्रेनिंग

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच दिल्ली सरकार तैयारियों में जुट गई है. गुरु गोविंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी 5 हजार कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट को ट्रेनिंग दे रही है. सोमवार से इस कोर्स का पहला बैच शुरू हो चुका है.

दिल्ली के युवाओं को दी जाएगी खास ट्रेनिंग. दिल्ली के युवाओं को दी जाएगी खास ट्रेनिंग.
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2021,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST
  • कोविड से निपटने की तैयारियों में जुटी दिल्ली सरकार
  • अलग-अलग केंद्रों पर दी जा रही युवाओं को ट्रेनिंग
  • तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियां तेज

दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर मैनपॉवर तैयार करने में जुटी है. गुरु गोविंद सिंह आईपी विश्वविद्यालय द्वारा 5,000 कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट को ट्रेनिंग दी जा रही है. सोमवार से इस कोर्स का पहला बैच शुरू हो चुका है. ये हेल्थ असिस्टेंट डॉक्टरों और नर्सों के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे. केजरीवाल सरकार ने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए 5 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

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'आजतक' की टीम ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ट्रेनिंग का जायजा लिया. दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का पहला बैच 28 जून से शुरू हो गया है, जिसमें 500 ट्रेनीज को कई तरह के काम जैसे पैरामेडिक, लाइफ सेविंग, फर्स्ट एड, होम केयर की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन्हें ऑक्सीजन नापने, ब्लड प्रेशर नापने, इंजेक्शन लगाने, कैथेटर, सैंपल कलेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क लगाने जैसे काम सिखाए जा रहे हैं. 

14 दिन की इस ट्रेनिंग को 2 चरणों में बांटा गया है. पहले चरण में ट्रेनीज को 1 सप्ताह तक डेमो क्लास के जरिए बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी और उसके अगले सप्ताह, अस्पतालों में असिस्टेंट के रूप में काम सिखाया जाएगा. ट्रेनीज को दिल्ली के 9 बड़े अस्पतालों दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, संजय गांधी हॉस्पिटल, अम्बेडकर मेडिकल कॉलेज, ईएसआई हॉस्पिटल वसई धारापुर, हिंदूराव अस्पताल और वर्धमान महावीर हॉस्पिटल में बेसिक ट्रेनिंग दी जा रही है. 

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4 दिन के भीतर 1.5 लाख लोगों ने किया आवेदन

इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए 4 दिन के भीतर ही 1.5 लाख लोगों ने आवेदन किया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली में एक ऐसे मेडिकल यूथ फोर्स को तैयार करना चाहते हैं जो किसी भी स्वास्थ्य आपदा से लड़ने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग के बाद हमारे हेल्थ असिस्टेंट न केवल आपदा से लड़ने के लिए तैयार होंगे बल्कि सामान्य दिनों में जरूरत पड़ने पर अपने परिजनों और आस-पास के लोगों को भी मेडिकल सहायता दे सकेंगे.
 

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पूर्वी दिल्ली की 20 साल की छात्रा चंचल भी ट्रेनिंग में शामिल हुईं. उनका कहना है कि वो मरीजों की, समाज की मदद करने के मकसद से ट्रेनिंग का हिस्सा बन रही हैं. चंचल ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के हालात देखे और अब ट्रेनिंग लेकर अस्पतालों में डॉक्टर्स और नर्सेज के साथ काम करना चाहती हैं. 

बच्चों को दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग

मेडिकल की पढ़ाई के बिना युवाओं को सीधे मरीजों की देखभाल के लिए भेजना क्या खतरनाक हो सकता है? राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर बीएल शेरवाल ने कहा कि ये कई बच्चे अगर खून देख लेते हैं तो घबरा जाते हैं, ऐसे बच्चों को प्रैक्टिकल के दौरान इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. आने वाले दिनों में ट्रेनी युवाओं को आईसीयू वार्ड में गंभीर मरीजों के बीच ट्रेनिंग दी जाएगी. वहां युवा ट्रेनी देखेंगे कि डॉक्टर या नर्स किस तरह से मरीजों से डील करते हैं.

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5000 कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट को मिलेगी ट्रेनिंग

दिल्ली सरकार का मानना है कि ये ट्रेनिंग सभी युवा ट्रेनीज के लिए रोजगार के अवसर भी खोलेगा क्योंकि स्वास्थ के क्षेत्र में काफी बड़े स्तर पर हेल्थ असिस्टेंट की जरूरत है. फिलहाल, दिल्ली सरकार 500-500 के बैच में 5000 कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट को ट्रेनिंग देगी. ट्रेनिंग के बाद सभी हेल्थ असिस्टेंट को एक सर्टिफिकेट के साथ मेडिकल किट भी दिया जाएगा. इस मेडिकल किट में ब्लड प्रेशर जांचने की मशीन, थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर होगा.
 

 

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