
कोरोना के खतरे को देखते हुए सीबीएसई द्वारा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है. अब एक बार के लिए ये फैसला तमाम छात्रों के लिए जरूर राहत वाला रहा, लेकिन सवाल तो ये भी उठने लगे कि आखिर अब छात्रों का रिजल्ट किस आधार पर तैयार किया जाएगा? अभी भी कई सुझावों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, सभी से बातचीत कर एक फॉर्मूला तैयार करने की कोशिश है. इस बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखी गई है.
सिसोदिया ने बताया 12वीं का रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला
चिट्ठी के जरिए सिसोदिया ने अपनी तरफ से एक फॉर्मूला बताया है जिस आधार पर 12वीं का रिजल्ट तैयार किया जा सकता है. उनके मुताबिक 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा, 11वीं की वार्षिक परीक्षा और 10वीं की बोर्ड परीक्षा के जरिए 12वीं का रिजल्ट निकाला जा सकता है. उनके सुझाव के मुताबिक 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा को 30 वेटेज देनी होगी, 11वीं की वार्षिक परीक्षा को 20 वेटेज और 10वीं की बोर्ड परीक्षा को भी 20 वेटेज. तर्क दिया गया है कि चूंकि ज्यादातर विषयों में थ्योरी की परीक्षा 70 अंको की होती है, ऐसे में इस तरीके से रिजल्ट तैयार हो सकता है. वहीं बचे हुए 30 अंकों के लिए कहा गया है कि स्कूल प्रैक्टिकल एग्जाम के आधार पर नंबर दे.
सरकार से की ये अपील
इसके अलावा सिसोदिया ने इस बात पर भी जोर दिया है कि 10वीं की परीक्षा का जो वेटेज 20 अंकों का दिया जाए, वो उस विषय के आधार पर होना चाहिए जिसमें बच्चे ने दसवीं क्लास में सबसे अधिक अंक हासिल किए थे. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि 10वीं के विषय 12वीं के विषय से बहुत अलग होते हैं. डिप्टी सीएम की तरफ से ये भी अपील की गई है कि 12वीं के रिजल्ट के लिए मॉडरेशन की रेंज +5/-5 कर दी जाए. सिसोदिया ने इस बात की भी जानकारी है कि दिल्ली में कुछ नए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस भी शुरू हुए हैं जिनमें विद्यार्थी पहली बार 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले थे. इन स्कूलों का कोई हिस्टोरिकल रेफरेंस नहीं है. ऐसे स्कूलों का रेफरेंस ईयर उनके सबसे नजदीकी स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस से ही लिया जाए ताकि यहां के बच्चों का कोई नुकसान न हो.
पहले भी माना गया सिसोदिया का सुझाव
बता दें कि इससे पहले मनीष सिसोदिया ने ही मांग की थी कि बिना टीकाकरण के परीक्षा को करवाना खतरे से खाली नहीं है. उनके उस सुझाव पर सरकार द्वारा सोचा भी गया था और फिर पीएम मोदी की तरफ से बैठक कर 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करवा दिया गया. ऐसे में अब एक बार फिर सिसोदिया की तरफ से कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं, सरकार इस पर कितना अमल करती है, ये देखने वाली बात रहेगी.