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कोरोना की दूसरी लहर में छात्रों ने खोए शिक्षक, डीयू-जामिया के प्रोफेसर भी गुजरे

जिन टीचर्स के भरोसे आने वाले कल का भविष्य टिका है, उनको भी कोरोना ने नहीं बख्शा. देशभर के छात्रों ने होनहार शिक्षक खोए. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अलग-अलग यूनिवर्सिटी, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने भी कई नामचीन प्रोफेसर खो दिए.

प्रतीक चौधरी (फाइल फोटो) प्रतीक चौधरी (फाइल फोटो)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:49 AM IST
  • कोरोना से डीयू के करीब 60 शिक्षकों की गई जान
  • जेएनयू और जामिया के भी कई शिक्षक हुए शिकार

कोरोना वायरस की महामारी ने इस बार देशभर में ऐसी तबाही मचाई जिसमें आम आदमी से लेकर डॉक्टर और टीचर तक, सब इसके शिकार बने. जिन टीचर्स के भरोसे आने वाले कल का भविष्य टिका है, उनको भी कोरोना ने नहीं बख्शा. देशभर के छात्रों ने होनहार शिक्षक खोए. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अलग-अलग यूनिवर्सिटी, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने भी कई नामचीन प्रोफेसर खो दिए.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन ऑफ एग्जामिनेशन विनय गुप्ता की कोरोना से मौत हो गई. इसके तुरंत बाद उनके पिता ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया. दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी डॉक्टर हसंराज सुमन के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से डीयू के करीब 60 शिक्षकों की मौत हुई हैं. इनमें से 34 स्थायी और 17 सेवानिवृत्त शिक्षक भी शामिल हैं.

विनय गुप्ता (फाइल फोटो)

डॉक्टर सुमन बताते हैं कि डीयू में कोरोना संक्रमण से मरने वालों में प्रोफेसर विनय गुप्ता के अलावा राजनीति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर वीणा कुकरेजा, संगीत विभाग के प्रोफेसर प्रतीक चौधरी और विधि संकाय के प्रोफेसर एसके गुप्ता शामिल हैं. इनके अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकों में डॉक्टर नरेंद्र कोहली, डॉक्टर नरेंद्र मोहन, डॉक्टर केडी शर्मा, प्रोफेसर भिक्षु सत्यपाल, डॉक्टर एसएस राणा, राजधानी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर बीएस यादव के नाम भी उन शिक्षकों में शामिल हैं जिनकी कोरोना के कारण जान गई. देशबंधु कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के धर्मेंद्र मलिक की भी कोरोना से जान चली गई. मलिक के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं.

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डॉक्टर हंसराज सुमन ने डीयू प्रशासन से मांग की है कि कोरोना काल के दौरान जिन शिक्षकों की मौत हुई है, उनके परिवार को टीचर्स वेलफेयर फंड से स्थायी शिक्षकों की ही तर्ज पर आर्थिक मदद मुहैया कराई जाए. ऐसा नहीं है कि केवल दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक ही कोरोना का शिकार हुए हैं. जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व डीन ऑफ एडमिशन और बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर दीपक गौर भी कोरोना का शिकार हो गए.

जेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन की सेक्रेटरी मौसमी बासु के मुताबिक जेएनयू में कई सारे ऐसे शिक्षक हैं जो कोरोना का शिकार हुए हैं. इसके अलावा कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो जेएनयू से पढ़ाई करने के बाद अलग-अलग इंस्टीट्यूट, कॉलेज में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं, वे भी कोरोना का शिकार हुए हैं. दिल्ली की ही जामिया यूनिवर्सिटी के भी पांच शिक्षक कोरोना के कारण जान गंवा चुके हैं.

जामिया यूनिवर्सिटी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर अहमद अजीम के मुताबिक हिस्ट्री एंड कल्चर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रिजवान, सरोजनी नायडू सेंटर फॉर वूमन स्टडी में असिस्टेंट प्रोफेसर नबीला सादिक की कोरोना से मौत हो गई. कुछ दिन पहले ही नबीला की मां का भी कोरोना से निधन हो गया था. पॉलिटिकल साइंस की हेड ऑफ डिपार्टमेंट कण्डलु सावित्री भी कोरोना का शिकार हुई हैं.

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