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7 साल, 30 बच्चों का शिकार... कबूलनामा सुनकर पुलिसकर्मी भी रोए, अब इस साइको किलर को मिलेगी सजा

दिल्ली में 30 बच्चों को अपना शिकार बनाने वाले साइको किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. अब अगले दो हफ्तों में कोर्ट इस किलर के सजा का ऐलान करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक जब बच्चों के साथ क्ररूता का कबूलनामा पुलिस ने सुना था तो उनकी आंखों में भी आंसू आ गए थे.

साइको किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट सुनाएगी सजा साइको किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट सुनाएगी सजा
हिमांशु मिश्रा
  • दिल्ली,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

देश की राजधानी दिल्ली में 30 बच्चों के गुनहगार साइको किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. उसे आप सीरियल किलर, सनकी या फिर बच्चों का रेपिस्ट भी कह सकते हैं.

इस दरिंदे को दोषी ठहराए जाने के बाद अब अगले दो हफ्तों में उसकी सजा का ऐलान किया जाएगा. रविंद्र की वारदातों और बच्चों के खिलाफ उसकी क्रूरता के कबूलनामे ने पुलिसकर्मियों तक को रुला दिया था.

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2008 से 2015 के बीच 30 बच्चों को इस दरिंदे ने अपना शिकार बनाया था. कोर्ट ने आरोपी को 6 साल के बच्चे के अपहरण, हत्या और शारीरिक शोषण के मामले में दोषी करार दिया है. 

पुलिस ने आरोपी रविंद्र कुमार को 2015 में बाहरी दिल्ली इलाके से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इस मामले में अधिकतम सजा की मांग की है. कोर्ट अगले दो हफ्तों के अंदर दोषी रविंद्र को सजा सुनाएगी.

काम की तलाश में दिल्ली आया था रविंद्र

दरअसल यह मामला 2008 का है जब रवींद्र कुमार की उम्र सिर्फ 18 साल थी. उत्तर प्रदेश के कासगंज से रवींद्र दिल्ली काम की तलाश में आया था. रविंद्र कुमार के पिता प्लम्बर का काम करते थे जबकि उसकी मां लोगों के घरों में काम करती थी. 

दिल्ली आने के कुछ ही दिन बाद रविंद्र को नशे की लत लग गई थी. फिर उसने उस बीच 2 सेमी पॉर्न फिल्म देख ली. जांच में सामने आया कि फिल्म देखने के बाद रविंद्र जब भी नशा करता वो बच्चों के शिकार पर निकल पड़ता था. 

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पुलिस के मुताबिक रविंद्र कुमार पूरे दिन मजदूरी करता था. उसके बाद शाम को जब नशा करता और फिर अपनी झुग्गी में सोने जाता था तो आधी रात के बाद उसके अंदर का शैतान जाग जाता था. फिर रविंद्र बच्चों की तलाश में अपनी झुग्गी से निकल जाता था.

40किलोमीटर तक की बच्चों की तलाश

जांच में सामने आया है कि कई बार तो रविंद्र 40 किलोमीटर तक बच्चों की तलाश में पैदल चलता था.  बच्चों की तलाश में वो ज्यादातर कंस्ट्रक्शन साइट्स के आसपास, झुग्गी बस्ती के पास घूमता था. ऐसी जगहों से अगर कोई बच्चा मिल जाता था तो वो उसे बहलाता था. वो बच्चों को अक्सर 10 रुपये का नोट दिखाकर तो कभी चॉकलेट दिखाकर बहलाता था और सुनसान जगह पर ले जाता था. रविंद्र का शिकार बन चुके सबसे छोटे बच्चे की उम्र 6 साल थी और सबसे बड़े बच्चे की उम्र 12 साल थी.

दो बार पकड़ा गया था रविंद्र

रविंद्र कुमार को दिल्ली पुलिस ने 2014 में भी पकड़ा था तब इस पर आरोप था कि 6 साल के बच्चे के अपहरण के बाद उसने शारीरिक शोषण किया और फिर उसकी हत्या की कोशिश की. 

आरोप था कि अपहरण के बाद रविंद्र कुमार ने बच्चे को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था. इसके बाद दिल्ली की बेगमपुर पुलिस ने 2015 में 6 साल की एक बच्ची की अपहरण, हत्या और शारीरिक शोषण के एक केस की जांच कर रही थी.

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पुलिस की टीम ने रविंद्र कुमार को रोहिणी के सुखबीर नगर बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था. रविंद्र तक पहुंचने से पहले पुलिस ने दर्जनों सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की थी, अपने तमाम मुखबिरों से पूछताछ की थी तब जाकर पुलिस आरोपी  तक पहुंच पाई थी. 

आरोप है कि बेगमपुर इलाके से ही रविंद्र कुमार ने 6 साल के बच्चे का अपहरण किया था, शारीरिक शोषण करने के बाद उसका गला रेत दिया था और सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था.

बेहद शातिर था रविंद्र कुमार

दरअसल 2008 में दिल्ली के कराला इलाके से रविंद्र ने सबसे पहले एक मासूम बच्ची के अपहरण के बाद उससे रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी. जब वो उस वक्त नहीं पकड़ा गया तो इसके बाद उसे इस काम में मजा आने लगा.

उसने दिल्ली, एनसीआर समेत आसपास के जिलों तक बच्चों के साथ घिनौनी घटना को अंजाम दिया. पहचान जाहिर होने के डर से इसने ज्यादातर बच्चों की हत्या कर दी थी. पकड़े जाने के डर से एक जगह पर वो दोबारा वारदात को अंजाम देने नहीं जाता था.

2015 में बाहरी जिले के डीसीपी रहे विक्रमजीत सिंह ने बताया की जब रविंद्र कुमार पकड़े जाने के बाद अपने गुनाहों की जानकारी दे रहा था तो उसने अपने हर एक गुनाह के बारे में बताया. पुलिस ने इस केस में कोर्ट से अधिकतम सजा सुनाए जाने की अपील की है.

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