
देश की राजधानी दिल्ली में इस साल पटाखे नहीं बिकेंगे यह अब साफ हो गया है. दिल्ली हाईकोर्ट से सोमवार को पटाखा निर्माता और विक्रेताओं ने याचिका वापस ले ली है. सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों और आतिशबाजी की खरीद फरोख्त और इस्तेमाल को लेकर आदेश और गाइडलाइन जारी कर रखी है तो हाईकोर्ट उसकी समीक्षा नहीं करेगा.
दिल्ली एनसीआर में पटाखे बनाने और बेचने वाले 53 विक्रेताओं ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन क्रैकर्स के बेचने और इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है तो फिर दिल्ली या अन्य राज्यों की सरकारों की ओर से लागू पाबंदी का क्या मतलब रह जाता है?
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील रोहिणी मूसा ने दलील दी सुप्रीम कोर्ट ने अभी 29 अक्तूबर को भी ताजा गाइडलाइन जारी की है जिसमें ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी गई है. लेकिन बेरियम जैसे खतरनाक रसायन वाले पटाखों और आतिशबाजी पर पाबंदी बरकरार रखी गई है. याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई थी कि दिल्ली सरकार का फैसला अनुचित है. इस पर रोक लगाई जाए और दिल्ली में लाइसेंसी व्यापारियों को मौजूदा स्टॉक को बेचने या फिर दिल्ली से बाहर ले जाकर स्टॉक को बेचने या उसका निस्तारण करने की इजाजत दी जाए.
नहीं मिली व्यापारियों को राहत
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा की वेकेशन बेंच ने मामले पर मामले पर सुनवाई करते हुए रोहिणी मूसा की तमाम दलीलों को सुनने के बाद भी व्यापारियों को राहत नहीं दी. जिसके बाद याचिकाकर्ता की वकील ने कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी. जस्टिस संजीव सचदेवा ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए याचिका को खारिज कर दिया. दरअसल, दिल्ली के 53 लाइसेंस धारक व्यापारियों ने दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दिवाली से पहले दिल्ली में ग्रीन क्रैकर्स को बेचने की अनुमति मांगी थी.