Advertisement

...जब क्रिकेटर अरविंद केजरीवाल को नहीं पसंद आया बॉलर

दिल्ली के लक्ष्मी नगर में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करते हुए केजरीवाल ने पिच पर खुद ही बल्ला थाम लिया और पारी खेलने की शुरुआत की.

दिल्ली में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने थामा बल्ला दिल्ली में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने थामा बल्ला
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के 20 विधायकों पर जहां ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की तलवार लटकी है, वहीं पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन तमाम मुसीबतों से दूर शनिवार को क्रिकेट का लुत्फ उठाते नजर आए.

केजरीवाल को नहीं पसंद आया गेंदबाज

लक्ष्मी नगर में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करते हुए केजरीवाल ने पिच पर खुद ही बल्ला थाम लिया और पारी खेलने की शुरुआत की. केजरीवाल ने इधर बल्ला थामा और उधर से गेंदबाजी करने के लिए दौड़ा गेंदबाज, बॉल नहीं फेंक पाया. केजरीवाल ने अपने पुराने अंदाज में गेंदबाज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तुम्हारा गेंदबाज सही नहीं है.

Advertisement

AAP के 20 विधायकों पर होगी 'दया'? राष्ट्रपति आज सुना सकते हैं फैसला

बॉलर ने दूसरी गेंद फेंकी और केजरीवाल ने ऑफ साइड में गेंद को बड़ी खूबसूरती से कट लगा दिया. तालियां बजी, लेकिन इन तालियों के शोर में अपने विधायकों की कुर्सी जाते देख पार्टी और नेताओं के चेहरे पर आने वाली शिकन छिपाए नहीं छिप पाई.

केजरीवाल को मिला ममता बनर्जी का साथ

हालांकि, इस विधायकों से जुड़ी मुसीबत की घड़ी में अरविंद केजरीवाल के साथ जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खड़ी नजर आईं. तो वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी की धुर विरोधी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात भी चुनाव आयोग पर हमला करते हुए आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के 20 विधायकों के समर्थन में खड़ी नजर आ रही हैं.

EC की सिफारिश पर केजरीवाल का ट्वीट- अंत में जीत सच्चाई की होती है

Advertisement

विपक्षी दलों ने मांगा केजरीवाल से इस्तीफा

चुनाव आयोग की घोषणा के बाद, BJP और कांग्रेस ने केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है. लेकिन आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. केजरीवाल जहां एक युद्ध हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं. वहीं अब राजनीतिक जमीन पर उनके लिए एक और मोर्चा खुल गया है. इन तमाम मोर्चों पर लड़ाई से पहले क्रिकेट के मोर्चें पर केजरीवाल ने आज एक दांव खेल ही दिया.

गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने अपने मंत्रियों की मदद की दलील देते हुए मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था, जिसके बाद वकील प्रशांत पटेल ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताते हुए इन नियुक्तियों को चैलेंज किया था.

मामला राष्ट्रपति से होता हुआ चुनाव आयोग और दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद शुक्रवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को राय भेजी कि इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए, जिसके बाद अब सबकी नजर राष्ट्रपति पर है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement