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बाढ़ से नुकसान झेल रहे केरल के व्यापारियों को GST में मिले छूट: CTI

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने जीएसटी काउंसिल और वित्त मंत्री अरुण जेटली पत्र लिखकर केरल के व्यापारियों को टैक्स की मार से बचाने की अपील की है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली (FILE PHOTO) वित्त मंत्री अरुण जेटली (FILE PHOTO)
पंकज जैन/अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने जीएसटी काउंसिल और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मांग की है कि केरल में बाढ़ के बाद हुए नुकसान को देखते हुए GST टैक्स में संशोधन किया जाए. CTI का कहना है कि केरल में बाढ़ के चलते जान माल का काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में केरल के व्यापारियों को टैक्स की मार से बचाया जाए.

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सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल के मुताबिक केरल के व्यापारियों को केवल स्टॉक किए माल का ही नहीं बल्कि जीएसटी के तहत मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट यानि आईटीसी का भी नुकसान उठाना होगा क्योंकि नियम के तहत अगर कोई माल खरीदा जाता है और वह यदि चोरी हो जाता है या खराब हो जाता है तो फिर उस माल पर किसी तरह का आईटीसी नहीं मिलता. यानी व्यापारियों को माल के नुकसान के साथ-साथ टैक्स की मार भी झेलनी पड़ेगी.

CTI ने जीएसटी काउंसिल, केंद्रीय वित्त मंत्री सहित केरल के सीएम को भी पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि केरल में  प्राकृतिक आपदा के चलते वहां के व्यापारियों का बुरा हाल है. ऐसे में जीएसटी के नियमों में संशोधन करते हुए व्यापारियों को कम से कम टैक्स की मार से बचाया जाए. चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के मुताबिक जीएसटी एक्ट के सेक्शन 17(5)(i) के तहत अगर खरीदा हुआ माल गुम हो जाये, चोरी हो जाये, खराब या खत्म हो जाये तो उसकी खरीद में शामिल इनपुट टैक्स क्रेडिट खरीदार व्यापारी को नहीं मिलेगा.

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चैम्बर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री के व्यापारियों ने उदहारण देकर बताया कि मान लीजिये केरल की एक कंपनी ने दिल्ली की कंपनी से माल खरीदा. माल की कीमत थी 8 लाख रुपये और उस पर जीएसटी लगा 2 लाख रुपये, तो इनवॉयस हुई 10 लाख रुपये की. दिल्ली की कंपनी ने केरल की कंपनी से पूरे 10 लाख रुपये ले लिए और उसमें से दो लाख का जीएसटी जमा करा दिया.

यानी सरकार के पास 2 लाख रुपये जीएसटी के तौर पर पहुंच गए. अब जब केरल की कंपनी उस माल को बेचेगी तो उसे इनपुट टैक्स क्रेडिट के तौर पर 2 लाख रुपये सरकार से वापस मिलेंगे. लेकिन बाढ़ में माल बह जाने से केरल कंपनी के पास बिल तो है पर माल नहीं है. इसलिये इस बिल का आईटीसी 2 लाख रुपये केरल की कंपनी को नहीं मिलेगा. यानी केरल कंपनी को नुकसान पूरे दस लाख का हुआ. अब अगर सरकार 17(5)(i) से छूट दे तो नुकसान घट कर सिर्फ आठ लाख रह जाएगा, जो कि माल की कीमत थी.

व्यापारियों का मानना है कि सेक्शन 17(5)(i) के तहत यह साफ है कि जो सामान नष्ट हो जाए उस पर आईटीसी नहीं मिलेगा. लेकिन यहां पर प्राकृतिक आपदा का मामला है. ऐसे में सरकार चाहे तो नियम के तहत ही संशोधन कर सकती है. इसके लिए जीएसटी के सेक्शन 11 में सरकार के पास यह अधिकार है कि वह चाहे तो किसी भी नियम में संशोधन कर सकती है.

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