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अनशन पर स्वाति मालीवाल की बिगड़ी सेहत, स्मृति ईरानी को लिखी चिट्ठी

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनशन मंगलवार को 8वें दिन भी जारी रहा. आयोग के मुताबिक, स्वाति मालीवाल की मेडिकल जांच में शुगर 54 पाई गई है. इस बीच स्वाति मालीवाल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर हजारों करोड़ निर्भया फंड राज्य सरकारों को बांटने की मांग भी की है.

महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Photo- India Today) महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Photo- India Today)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

  • DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का 8वें दिन भी अनशन जारी रहा
  • स्मृति ईरानी से की राज्य सरकार को निर्भया फंड बांटने की मांग

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनशन 8वें दिन भी जारी रहा. आयोग के मुताबिक, स्वाति मालीवाल की मेडिकल जांच में शुगर 54 पाई गई है. इस बीच स्वाति मालीवाल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर हजारों करोड़ निर्भया फंड राज्य सरकारों को बांटने की मांग भी की है.

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आयोग के जारी बयान में कहा गया है कि बलात्कारियों को फांसी देने की मांग के साथ अनशन पर बैठी स्वाति मालीवाल पिछले 7 दिन से राजघाट पर अनशन पर बैठी हैं. हर बीतते दिन के साथ उनकी सेहत बिगड़ती जा रही है और पहले दिन से उनका वजन 5 किलो कम हो चुका है. अनशन के 7वें दिन ब्लड शुगर लेवल *54* तक आ चुका है.

अनशन के 8वें दिन जनता को संबोधित करते हुए स्वाति ने कहा कि भले ही उनका वजन कम हो रहा है, लेकिन देश भर से मिल रहे समर्थन के कारण उनका हौसला बहुत बुलंद है और इतनी आसानी से वह मरने वाली नहीं हैं.

अनशन के 8वें दिन स्वाति ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिख निर्भया फंड जिसका हजारों करोड़ों रुपये आज तक इस्तेमाल नहीं किया किया गया, उसका पैसा राज्य सरकारों में बांटे जाने की मांग की, ताकि उसका सही से इस्तेमाल किया जा सके और राज्य सरकारें महिला हित के कार्यों के लिए उन पैसों का इस्तेमाल कर सकें.

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'मांग पर सरकार ने नहीं की कोई चर्चा'

स्वाति मालीवाल ने आगे कहा, '2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के बाद निर्भया फंड बनाया गया था, जिसमें आज तक हजारों करोड़ रुपये ज्यों के त्यों पड़े हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार इस फंड का 90% हिस्सा खर्च नहीं किया गया.' स्वाति ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा कि यह खत उन्हें बहुत पीड़ा के साथ लिखना पड़ रहा है, क्योंकि 8 दिन से वह अनशन पर बैठी हैं और उनकी मांग पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की.

इसके अलावा स्वाति ने ट्वीट कर यह कहा कि जैसे-जैसे उनका यह अनशन एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है, वैसे वैसे देश की विभिन्न सरकारों पर महिला सुरक्षा के मुद्दों पर काम करने का दबाव भी बन रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकार उनकी सारी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ने वाली.

कैंडल मार्च कर छात्रों ने किया समर्थन

देर शाम हजारों युवाओं और कॉलेज के छात्रों ने राजघाट पर कैंडल मार्च कर स्वाति का समर्थन किया. स्वाति ने यह भी कहा, 'हैदराबाद में हुई घटना से देश में असामाजिक तत्वों के हौसले और बुलंद हो गए हैं. आज भी देखा गया किस प्रकार मुजफ्फरपुर में एक लड़की को 3 साल तक एक लड़के ने पीछा किया और पुलिस ने शिकायत तक दर्ज करने से मना कर दिया, आज उस लड़की को उसी लड़के ने जिंदा जलाने की कोशिश की, लड़की को 80% जला दिया गया और उसकी स्थिति गंभीर है.' स्वाति ने कहा जब तक पुलिस की जवाबदेही तय नहीं की जाती, तब तक इस देश में ऐसी घटनाओं को नहीं रोका जा सकता है.

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