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निर्भया फंड पर स्वाति मालीवाल ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी

पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में स्वाति मालीवाल ने पूर्व की एक चिट्ठी का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने निर्भया फंड को लेकर कई सुझाव दिए थे.

डीसीडब्लू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल डीसीडब्लू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल
स्‍वपनल सोनल/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

निर्भया फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी, जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने फंड के सुचारू इस्तेमाल नहीं होने पर नाराजगी जताई है. साथ ही डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने सरीखे कई अन्य सुझाव भी दिए हैं.

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स्वाति मालीवाल ने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में पूर्व की एक चिट्ठी का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने निर्भया फंड को लेकर कई सुझाव दिए थे. डीसीडब्लू अध्यक्ष ने लिखा है, 'हमारे देश के लिए बहुत शर्म की बात है कि आज तक निर्भया फंड के अधिकांश रुपये इस्तेमाल नहीं हुए हैं. जबकि देश में रोज कई निर्भयाएं पैदा हो रही है. यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली पूरी दुनिया में ‘रेप केपिटल’ के रूप में बदनाम है.'

पढ़ें, पीएम के नाम स्वाति मालीवाल की चिट्ठी-

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
आपको सादर प्रणाम

मैं आज आपको एक बड़े गंभीर मुद्दे पर पत्र लिख रही हूं. कल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि निर्भया फंड के रुपये खर्च क्यों नहीं हो रहे हैं. यह फंड राज्यों को क्यों नहीं बांटा जा रहा है.

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निर्भया फंड के सुचारू इस्तेमाल को लेकर मैंने आपको 24 सितंबर 2015 को पत्र लिखा था जो कि संलग्न है. आप समझ सकते हैं कि यह हमारे देश के लिए बहुत शर्म की बात है कि आज तक निर्भया फंड के अधिकांश रुपये इस्तेमाल नहीं हुए हैं. जबकि देश में रोज कई निर्भयाएं पैदा हो रही है. यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली पूरी दुनिया में ‘रेप केपिटल’ के रूप में बदनाम है. जब देश में और दिल्ली में छोटी-छोटी एक साल की बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहे हैं. ऐसे में निर्भया फंड का इस्तेमाल इन घटनाओं को रोकने के लिए होना चाहिए.

मैं पिछले 10 महीने से निर्भया फंड के सही इस्तेमाल को लेकर हर फोरम पर अपनी बात रख चुकी हूं, लेकिन इस मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. आपको जान कर हैरानी होगी कि 10 महीने पहले दिल्ली सरकार ने निर्भया फंड के इस्तेमाल के लिए महिला सुरक्षा केंद्रि‍त प्रोजेक्टस केंद्र सरकार को भेजे थे. जिसमें से एक प्रोजेक्ट डीटीसी बस में सीसीटीवी कैमरे लगाने का था. लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को यह कह कर वापस भेज दिया कि यह प्रोजेक्ट लैंगिक संवेदनशील (जेंडर सेंसिटीव) नहीं है, बल्की लैंगिक समानता (जेंडर न्यूट्रल) का प्रोजेक्ट है. सीधी भाषा में सरकार का मानना था कि क्योंकि बसों में आदमी भी सफर करते हैं, इसलिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाना निर्भया फंड का सुचारू उपयोग नहीं होगा. यह बहुत दुःख की बात है कि ऐसे गलत निर्णय लिए जा रहे हैं.

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गृह मंत्रालय की स्पेशल टास्क फोर्स की मीटिंग में जब मैंने यह बात उठाई तो उन्होंने भी यह माना कि यह निर्णय सही नहीं है और सुझाव दिया कि दिल्ली में डीटीसी की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निर्भया फंड से पैसे दिए जाने चाहिए. लेकिन प्रधानमंत्री जी, हर बार इस प्रोजेक्ट के प्रस्ताव में बदलाव के चलते आज दस महीने बीत जाने के बाद भी इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए निर्भया फंड से पैसा जारी नहीं किया गया है.

सर, जब तक केंद्र सरकार इस पूरे फंड का राज्यों के बीच विकेंद्रीकरण नहीं करेगी तब तक यह स्थिती ऐसी ही बनी रहेगी. दिल्ली महिला आयोग का सुझाव है कि केंद्र सरकार को निर्भया फंड को लाल फीताशाही और जटिल प्रक्रिया से निकाल कर राज्य सरकारों के बीच बांट देना चाहिए और साथ ही उन्हें हिदायत देनी चाहिए कि इस फंड का इस्तेमाल उसी काम के लिए किया जाए, जिस उदेश्य से यह बनाया गया है. मैंने जो आपको पत्र लिखा था उसमें निर्भया फंड के इस्तेमाल को लेकर कुछ सुझाव दिए थे जो इस प्रकार हैं-

1. निर्भया फंड से देश के पुलिस स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं.

2. निर्भया फंड का इस्तेमाल फॉरेंसिक लैब बनाने के लिए किया जा सकता है.

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3. निर्भया फंड वन स्टॉप सेंटर बनाने और एसिड अटैक पीड़ि‍ताओं का पुनर्वास करने में भी किया जा सकता है.

4. मानव तस्करी की पीड़ितों के पुनर्वास, नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं व बच्चियों के कल्याण के लिए भी निर्भया फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है.

5. नए कोर्ट बनाने में भी इस फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है.

मुझे पूरा विश्वास है कि आप दिल्ली की महिलाओं और बच्चियों की पुकार जरूर सुनेंगे और इस ओर ठोस कदम उठाएंगे. जिससे ना सिर्फ दिल्ली बल्कि देश भर की निर्भयाओं को न्याय मिलेगा.

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